
नई दिल्ली- भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच अरुण जेटली स्टेडियम में खेले गए रोमांचक वनडे सीरीज डीसाइडर के बाद अब सभी की नज़रें 10 दिन से भी कम समय में शुरू होने वाले वर्ल्ड कप पर टिक गई हैं।
ऑस्ट्रेलिया ने सीरीज 2-1 से अपने नाम की। इसके बाद भारत की उप-कप्तान स्मृति मंधाना और ऑस्ट्रेलिया की बेथ मूनी ने सात दिनों में खेले गए तीन वनडे मैचों से मिली सीख पर विचार साझा किए।
स्मृति ने माना कि वर्ल्ड कप से पहले भारत को अपनी फील्डिंग पर कड़ी मेहनत करनी होगी। इस सीरीज में भारतीय टीम ने 15 कैच छोड़े और कई मिसफील्ड कीं। इंग्लैंड दौरे पर शानदार फील्डिंग करने वाली टीम का यह प्रदर्शन उम्मीद से बहुत कम रहा।
स्मृति ने कहा, “इस सीरीज में हमारे लिए सही कॉम्बिनेशन ढूंढना और यह समझना अहम था कि हम कहां कमी महसूस कर रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम के खिलाफ खेलना इसमें मददगार रहा। सबसे बड़ा अंतर फील्डिंग में दिखा। हमें बतौर टीम निरंतरता लानी होगी, ताकि यह केवल व्यक्तिगत प्रतिभा पर नहीं बल्कि सामूहिक प्रयास पर आधारित हो।”
तीसरे वनडे में 63 गेंदों पर 125 रनों की तूफानी पारी खेलने वाली स्मृति ने कहा कि इस सीरीज की सबसे बड़ी सकारात्मक बात युवा खिलाड़ियों का सीखने और बेहतर बनने का जज़्बा था। उन्होंने कहा, “ये सीरीज हमें वर्ल्ड कप जीतने का भरोसा देने के लिए नहीं थी। वह भरोसा पहले से है। यह सीरीज हमारे लिए यह समझने का जरिया थी कि हम क्या सही कर रहे हैं और कहां सुधार की ज़रूरत है।”
वर्ल्ड कप में पांचों स्थलों पर खेलने वाली भारतीय टीम को लेकर स्मृति ने रणनीतिक लचीलापन अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “हम एक ही कॉम्बिनेशन के साथ नहीं उतरेंगे। यह विकेट और परिस्थितियों पर निर्भर करेगा। हमारे पास शानदार 15 सदस्यीय स्क्वॉड है और हर कोई खेलने के लिए तैयार है।”
वहीं, तीसरे वनडे में 138 रनों की मैच जिताऊ पारी खेलने वाली बेथ मूनी ने भारतीय परिस्थितियों के अनुसार ढलने की ऑस्ट्रेलियाई टीम की क्षमता की तारीफ की। उन्होंने कहा, “हमने सीरीज में शुरुआत से ही अच्छा प्रदर्शन किया। पिछले 12 महीनों में हमने भारत में ज्यादा नहीं खेला था, लेकिन डब्ल्यूपीएल और आपसी बातचीत से काफी कुछ सीखा। यह हमें वर्ल्ड कप में मदद करेगा।”
उन्होंने बताया कि चोटिल खिलाड़ियों फीबी लिचफील्ड, एनाबेल सदरलैंड और डार्सी ब्राउन की फिटनेस पर भी टीम का फोकस है। “जब ये खिलाड़ी पूरी तरह फिट होकर लौटेंगे तो हमारी टीम और मजबूत होगी।”
मूनी ने यह भी माना कि 2022 वर्ल्ड कप के बाद महिला वनडे क्रिकेट और प्रतिस्पर्धी हो गया है। उन्होंने कहा, “अब कोई भी मैच आसान नहीं है। हर टीम ने इस वर्ल्ड कप की तैयारी में पिछले तीन-चार साल कड़ी मेहनत की है।”
स्पिन गेंदबाजी को वर्ल्ड कप में बड़ा फैक्टर मानते हुए मूनी ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया ने पहले से ही इसकी तैयारी की है। “हम जानते थे कि यहां हमें लेफ्ट-आर्म, राइट-आर्म, लेग स्पिन और ऑफ स्पिन का सामना करना होगा। हर बल्लेबाज की अपनी रणनीति है और यही हमारी असली ताकत है।”
अब दोनों टीमें बेंगलुरु पहुंच रही हैं, जहां वे रिकवरी पर ध्यान देंगी और फिर वॉर्म-अप मैचों के बाद वर्ल्ड कप की तैयारी में जुट जाएंगी।
With inputs from IANS