शंघाई (IANS) – भारत ने शनिवार को शंघाई में आयोजित तीरंदाजी वर्ल्ड कप स्टेज-2 में शानदार प्रदर्शन करते हुए तीन पदक अपने नाम किए – पुरुष कंपाउंड टीम स्पर्धा में स्वर्ण, महिला टीम स्पर्धा में रजत और मिश्रित टीम स्पर्धा में कांस्य पदक।
पुरुष कंपाउंड टीम के खिलाड़ियों अभिषेक वर्मा, ओजस देवताले और ऋषभ यादव ने संयमित और सधा हुआ प्रदर्शन करते हुए फाइनल में मेक्सिको को 232-228 से हराकर स्वर्ण पदक जीता। इससे पहले, उन्होंने सेमीफाइनल में डेनमार्क को 232-231 से हराया।
यह टीम क्वालिफिकेशन राउंड में 2134 अंकों के साथ शीर्ष पर रही थी, जिसके चलते उन्हें पहले दौर में बाय मिला। क्वार्टरफाइनल में उन्होंने ग्रेट ब्रिटेन को 239-232 से मात देकर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी।
महिला कंपाउंड टीम फाइनल में ज्योति सुरेखा वेन्नम, मधुरा धामनगांवकर और चिकिता तनिपार्थी की तिकड़ी को मेक्सिको से 221-234 की हार के बाद रजत पदक से संतोष करना पड़ा। हालांकि फाइनल में हार एकतरफा रही, लेकिन भारतीय महिला टीम ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया और पोडियम तक का सफर तय किया।
महिला टीम भी क्वालिफिकेशन में 2114 अंकों के साथ पहले स्थान पर रही थी और उन्हें पहले दौर में बाय मिला था। क्वार्टरफाइनल में उन्होंने कजाकिस्तान को 232-229 और सेमीफाइनल में विश्व की नंबर एक एला गिब्सन वाली ग्रेट ब्रिटेन टीम को 232-230 से हराया।
भारत की पदक सूची में एक और जुड़ाव तब हुआ जब अभिषेक वर्मा और मधुरा धामनगांवकर की जोड़ी ने मलेशिया को हराकर मिश्रित कंपाउंड टीम स्पर्धा में कांस्य पदक जीता। यह मैच अपेक्षाकृत कम स्कोर वाला रहा।
इन नतीजों से यह स्पष्ट होता है कि विश्व स्तर पर कंपाउंड तीरंदाजी में भारत की गहराई और निरंतरता तेजी से बढ़ रही है। गौरतलब है कि कंपाउंड तीरंदाजी 2028 लॉस एंजेलेस ओलंपिक में पहली बार शामिल की जाएगी, जिसमें केवल मिश्रित टीम स्पर्धा होगी। ऐसे में भारत का हालिया प्रदर्शन इस खेल में ओलंपिक पदक की ऐतिहासिक उम्मीद को बल देता है।