खेलो इंडिया बीच गेम्स: अब चटाई से रेत पर पहुंचेगा कबड्डी का रोमांचBy Admin Tue, 20 May 2025 11:12 AM

दीव: भारत का लोकप्रिय देसी खेल कबड्डी अब एक नए और रोमांचक रूप में खेलो इंडिया बीच गेम्स 2025 के तहत चटाई से निकलकर रेत पर उतरने जा रहा है। दीव में आयोजित हो रहे इस खेल महोत्सव में बीच कबड्डी पहली बार आधिकारिक रूप से शामिल की गई है और इससे खेल को एक नया आयाम मिलने की उम्मीद है।

मूल रूप से चटाई पर खेली जाने वाली कबड्डी भारत में बेहद लोकप्रिय है — यह एशियन गेम्स का पदक खेल है और प्रो कबड्डी लीग के ज़रिए करोड़ों दर्शकों का दिल जीत चुका है। लेकिन रेत पर कबड्डी यानी "बीच कबड्डी" अभी एक नया प्रयोग है। हालांकि, पिछले वर्ष जब दीव बीच गेम्स आयोजित किए गए थे, तब इसे एक प्रदर्शन खेल के रूप में शामिल किया गया था।

घोघला बीच, जो कि सभी आठ खेलों का मुख्य केंद्र है, वहाँ वरिष्ठ कोच और वेन्यू कोऑर्डिनेटर सिमरत गायकवाड़ मानती हैं कि बीच कबड्डी के लिए यह बेहद रोमांचक समय है।
उन्होंने कहा, “यह एक नया विचार है और खेलो इंडिया बीच गेम्स इसके लिए एक शानदार मंच है। इससे इस खेल की लोकप्रियता में निश्चित रूप से इज़ाफा होगा।”

दिल्ली की लड़कियों की कबड्डी टीम की कोच सुनीता भी इस खेल की संभावनाओं को लेकर आशावान हैं।
उन्होंने कहा, “समुद्र के किनारे का यह बिल्कुल अलग वातावरण है। कबड्डी पहले से ही भारत में काफी लोकप्रिय है, और उम्मीद है कि बीच कबड्डी भी अपनी अलग पहचान बनाएगी।”

हालांकि, बीच कबड्डी पारंपरिक कबड्डी की तुलना में कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि यहां खिलाड़ी प्रकृति के तत्वों से सीधे जूझते हैं।
उदाहरण के लिए, रेत में पैर धंसने से गति प्रभावित होती है, खेल खुले आसमान के नीचे होता है, जिससे सूरज की गर्मी और समुद्री हवाओं का प्रभाव सहना पड़ता है। यह सभी कारक खिलाड़ियों की प्रदर्शन क्षमता को सीधे प्रभावित करते हैं।

सुनीता ने यह भी कहा कि जो राज्य समुद्र तटों से दूर हैं, उनके खिलाड़ियों के लिए यह परिस्थिति और अधिक चुनौतीपूर्ण होती है।
उन्होंने कहा, “हमारे पास कृत्रिम सैंड टर्फ है, लेकिन असली समुद्री वातावरण से तालमेल बिठाना कठिन होता है।”

ठाणे, मुंबई की निवासी और सात बार राष्ट्रीय चैंपियनशिप में भाग ले चुकीं सिमरत गायकवाड़ मानती हैं कि बीच कबड्डी का भविष्य उज्ज्वल है, हालांकि अभी इसमें विकास की काफी गुंजाइश है।
“जब इस तरह के आयोजन नियमित होंगे, तो लोग इस खेल की ओर आकर्षित होंगे। अगर इसमें करियर की संभावना नजर आएगी, तो यह खेल आगे बढ़ेगा,” उन्होंने कहा।

हालांकि बीच कबड्डी की आत्मा पारंपरिक कबड्डी से मिलती-जुलती है, लेकिन नियमों में कुछ बदलाव किए गए हैं ताकि समुद्र तट की परिस्थितियों के अनुरूप खेल को ढाला जा सके।
इसमें एक टीम में सात की जगह केवल चार खिलाड़ी होते हैं, प्रत्येक हाफ 20 की बजाय 15 मिनट का होता है, और आउट खिलाड़ी को वापस नहीं लाया जा सकता। इसके अलावा, खेलने का मैदान भी छोटा होता है।

खेलो इंडिया बीच गेम्स 2025 में लड़कों और लड़कियों की आठ-आठ टीमों को दो ग्रुपों में बांटा गया है। प्रत्येक ग्रुप की शीर्ष दो टीमें सेमीफाइनल में पहुंचेंगी। बीच कबड्डी मुकाबले मंगलवार से शुरू हो चुके हैं और दोनों वर्गों के फाइनल शनिवार को, खेलो इंडिया बीच गेम्स के समापन दिन खेले जाएंगे।

 

With inputs from IANS