नई दिल्ली: भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम 8 से 17 जून तक अपने पांच मैचों के यूरोपीय दौरे के साथ अंतरराष्ट्रीय अभियान को जारी रखने जा रही है। इस दौरे में टीम का मुकाबला बेल्जियम, ऑस्ट्रेलिया और नीदरलैंड से होगा। हाल ही में अर्जेंटीना के रोसारियो में हुए फोर नेशंस टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करने के बाद अब टीम यूरोप पहुंच चुकी है।
भारत अपने दौरे की शुरुआत एंटवर्प के हॉकी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, विलरिज़े प्लेन में बेल्जियम के खिलाफ तीन मैचों से करेगी। इसके बाद कॉन्टिक स्थित बीर्शॉट टेनिस हॉकी पैडल क्लब में ऑस्ट्रेलिया से भिड़ेगी। अंत में टीम नीदरलैंड के हॉकी क्लब कैम्पोंग, यूट्रेक्ट में दौरे का समापन मुकाबला खेलेगी।
अर्जेंटीना में टीम इंडिया ने मजबूत विरोधियों के खिलाफ दमदार प्रदर्शन किया। भारत ने चिली को 2-1 से हराया और एक मुकाबला 2-2 (2-3 शूटआउट) से गंवाया। मेजबान अर्जेंटीना के खिलाफ एक मैच 1-1 (2-0 शूटआउट) से जीता और एक मुकाबला 2-4 से हारा। वहीं उरुग्वे के खिलाफ दोनों मुकाबले जीत लिए — 3-2 और 2-2 (3-1 शूटआउट)। यह दौरा टीम की तैयारियों में अहम साबित हुआ, जहां उन्हें दबाव की स्थिति में खेलने और विभिन्न खेल शैलियों के अनुकूल ढलने का अनुभव मिला।
गौरतलब है कि यह मैच एफआईएच जूनियर महिला हॉकी वर्ल्ड कप 2025 की तैयारियों का अहम हिस्सा हैं, जो दिसंबर 2025 में सैंटियागो, चिली में आयोजित होगा। विभिन्न परिस्थितियों में मजबूत अंतरराष्ट्रीय टीमों से भिड़ने से टीम की संयोजन क्षमता, मैच मानसिकता और आत्मविश्वास को बढ़ावा मिलेगा।
टीम के कोच तुषार खांडेकर ने यूरोपीय दौरे से पहले कहा,
"यह विस्तृत दौरा हमारी टीम के लिए बेहतरीन अवसर है। अर्जेंटीना में हमें बहुमूल्य सीख मिली और अब बेल्जियम, ऑस्ट्रेलिया और नीदरलैंड जैसी शीर्ष टीमों से मुकाबले करके हम उस अनुभव को और मजबूत कर सकते हैं। ये टीमें हमारी रणनीतिक और तकनीकी गहराई के साथ-साथ निरंतरता की भी परीक्षा लेंगी। टीम के कई खिलाड़ियों के विकास के लिए यह एक अहम चरण है, और ऐसे दौरे उन्हें वह अनुभव देते हैं जो अभ्यास में नहीं मिल सकता।"
उन्होंने आगे कहा,
"सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह दौरा एफआईएच जूनियर वर्ल्ड कप 2025 की तैयारी का एक अहम हिस्सा है। हम जो भी मैच अब खेलते हैं, वो हमें उस चुनौती के लिए एक कदम और तैयार करता है।"
With inputs from IANS