
मुंबई — मौजूदा चैंपियन हरियाणा स्टीलर्स आगामी सीजन में प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) का खिताब बचाने वाली सिर्फ दूसरी टीम बनने का लक्ष्य रखेगी।
2017 में पीकेएल में डेब्यू करने के बाद से स्टीलर्स हाल के वर्षों में सबसे स्थिर टीमों में से एक रही है और अब तक खेले सात सीजन में चार बार प्लेऑफ में जगह बनाई है।
पीकेएल इतिहास के सबसे सफल कोचों में से एक, मनप्रीत सिंह पिछले सीजन में स्टीलर्स को पहला खिताब दिलाने के बाद इस बार भी हेड कोच बने रहेंगे। उनके मार्गदर्शन में टीम सीजन 10 में उपविजेता रही थी। खिलाड़ी के रूप में पटना पाइरेट्स के साथ पीकेएल चैंपियन रह चुके मनप्रीत ने कोचिंग करियर की शानदार शुरुआत की थी, जब उन्होंने गुजरात जायंट्स को सीजन 5 और 6 में लगातार फाइनल में पहुंचाया।
सीजन 12 के प्लेयर ऑक्शन से पहले खिताब जीताने वाले अपने कोर खिलाड़ियों को बरकरार रखते हुए, स्टीलर्स ने नीलामी में 10 नए खिलाड़ी खरीदे। कुल 4.983 करोड़ रुपये में टीम ने एक मजबूत स्क्वाड तैयार किया है। आइए सीजन 12 में खिताब बचाने से पहले टीम की ताकत और कमजोरियों पर नजर डालते हैं।
ताकत
स्टीलर्स की सबसे बड़ी ताकत है कि उन्होंने अपने अधिकांश चैंपियन खिलाड़ियों को बनाए रखा है। आक्रमण में टीम ने विनय, शिवम अनिल पाटरे और विशाल टेट को बरकरार रखा है, जिन्होंने पिछले सीजन में अहम मौकों पर रेड प्वॉइंट्स दिलाए। 24 मैचों में 164 प्वॉइंट्स के साथ विनय टीम के सबसे सफल रेडर रहे, जिन्हें शिवम ने 158 प्वॉइंट्स के साथ अच्छा साथ दिया। विशाल ने 13 मैचों में 43 प्वॉइंट्स जुटाए।
कप्तान जयदीप दहिया और राइट कॉर्नर राहुल सेठपाल एक बार फिर डिफेंस की कमान संभालेंगे।
इसके अलावा, स्टीलर्स ने अनुभवी रेडर नवीन कुमार को 1.20 करोड़ रुपये में खरीदा है। 107 मैचों में 1,102 रेड प्वॉइंट्स जुटाने वाले नवीन टीम को अनुभव और धार देंगे। उन्होंने 2022 में दबंग दिल्ली के साथ खिताब जीता और सीजन 7 व 8 में लगातार एमवीपी रहे।
कमजोरियां
कागज पर भले ही टीम मजबूत दिखे, लेकिन स्टार ऑलराउंडर मोहम्मदरेज़ा शादलूई का जाना बड़ा झटका है। उन्होंने सीजन 11 में 82 टैकल प्वॉइंट्स और 57 रेड प्वॉइंट्स के साथ एमवीपी का खिताब जीता था। उनकी कमी खासकर लेफ्ट कॉर्नर डिफेंस में खलेगी।
राहुल आहिरी, हरदीप और साहिल नरवाल इस पोजीशन के विकल्प हैं, लेकिन इनके पास पर्याप्त पीकेएल अनुभव नहीं है। साथ ही, टीम अपने पूर्व राइट कवर संजय कृष्ण धुल की भी कमी महसूस करेगी, जो बेंगलुरु बुल्स में चले गए हैं। संजय ने पिछले सीजन में 57 टैकल प्वॉइंट्स हासिल किए थे।
अवसर
मणिकंदन एन, सचिन, ऋतिक, हरदीप, राहुल और अंकित जैसे खिलाड़ियों के पास खुद को साबित करने का सुनहरा मौका होगा। कोच मनप्रीत सिंह, जिन्होंने पिछले सीजन में तीन फाइनल हारने के बाद पहला खिताब जीता, अब लगातार दूसरा खिताब जीतकर पीकेएल में अपनी पहचान और मजबूत करना चाहेंगे।
खतरे
टीम में genuine ऑलराउंडर की कमी है, जो संतुलन बिगाड़ सकती है। साहिल नरवाल और आशीष नरवाल ने अब तक उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं किया है।
इसके अलावा, स्टार रेडर नवीन कुमार की चोट का इतिहास चिंता बढ़ा सकता है। घुटने की चोट के कारण वह पिछले सीजन के ज्यादातर मैचों से बाहर रहे और सिर्फ 16 मैचों में 97 प्वॉइंट्स जुटा पाए, जो उनके करियर का दूसरा सबसे कम आंकड़ा है।
मोहम्मदरेज़ा शादलूई के जाने के बाद लेफ्ट साइड डिफेंस भी विपक्षी टीमों के लिए कमजोर कड़ी साबित हो सकता है।
With inputs from IANS