
नई दिल्ली। देशभर के शैक्षणिक संस्थानों में क्षमता निर्माण और 6जी-रेडी अकादमिक एवं स्टार्टअप इकोसिस्टम तैयार करने के उद्देश्य से सरकार ने 100 5जी लैब्स स्थापित किए हैं। इसकी जानकारी संसद को गुरुवार को दी गई।
संचार और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासनी चंद्र शेखर ने राज्यसभा में लिखित उत्तर में बताया कि 6जी तकनीक के विकास को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों के तहत टेलीकॉम टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट फंड (TTDF) योजना 1 अक्टूबर, 2022 को शुरू की गई थी।
यह योजना दूरसंचार तकनीकों, जिनमें 6जी भी शामिल है, में अनुसंधान एवं विकास (R&D) और नवाचार को वित्तीय सहयोग प्रदान करती है। इसका उद्देश्य अकादमिक जगत, स्टार्टअप्स, एमएसएमई, अनुसंधान संस्थानों और उद्योग के बीच सहयोग बढ़ाकर भारत के टेलीकॉम इकोसिस्टम को मजबूत बनाना है। मंत्री ने बताया कि जुलाई 2025 तक 6जी से जुड़े कुल 104 प्रोजेक्ट्स, जिनकी लागत 275.88 करोड़ रुपये है, को मंज़ूरी दी जा चुकी है।
मंत्री के अनुसार, सरकार ने ‘भारत 6जी एलायंस’ की स्थापना की है, जिसमें घरेलू उद्योग, अकादमिक जगत, राष्ट्रीय अनुसंधान संस्थान और मानकीकरण संगठन शामिल हैं। यह एलायंस ‘भारत 6जी विज़न’ के अनुरूप कार्ययोजना तैयार करने पर काम करेगा।
इसके अलावा, अग्रणी वैश्विक 6जी एलायंसेज़ के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए हैं, ताकि 6जी वायरलेस तकनीकों के विकास में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा मिल सके।
राष्ट्रीय अंतःविषयक साइबर-फिजिकल सिस्टम मिशन (NM-ICPS) के तहत, इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, बेंगलुरु (IIIT Bangalore) में IIITB-कॉमेट फाउंडेशन द्वारा एक टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब (TIH) स्थापित किया गया है।
यह TIH विशेष रूप से "एडवांस्ड कम्युनिकेशन सिस्टम्स" क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित है। वर्तमान में यह रीकंफिगरेबल इंटेलिजेंट सरफेस (RIS) और एडवांस्ड O-RAN मैसिव MIMO सिस्टम्स जैसी अत्याधुनिक तकनीकों पर काम कर रहा है, जिनसे भविष्य के 6जी नेटवर्क में कवरेज, क्षमता और एकीकृत सेंसिंग क्षमताओं में सुधार होगा।
अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU-R) की सिफारिश M.2160 में 6जी या IMT-2030 का विज़न और 2030 तक 6जी तकनीक के रोलआउट का रोडमैप शामिल है। इस बारे में भी संसद को अवगत कराया गया।
With inputs from IANS