
नई दिल्ली- देश के कई हिस्सों में बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं के बीच, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने रविवार को अपनी मासिक रिपोर्ट जारी की। इसमें अनुमान लगाया गया है कि सितंबर में सामान्य से अधिक बारिश होगी।
आईएमडी के "मासिक वर्षा और तापमान परिदृश्य" के अनुसार, सितंबर 2025 में देशभर में औसत वर्षा सामान्य से अधिक (लॉन्ग पीरियड एवरेज - LPA का 109% से अधिक) रहने की संभावना है। सितंबर माह के लिए LPA (1971-2020 के आंकड़ों पर आधारित) लगभग 167.9 मिमी है।
रिपोर्ट में कहा गया, “भौगोलिक दृष्टि से देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है। हालांकि, पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत के कुछ क्षेत्र, दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत के कई हिस्से और उत्तरी भारत के कुछ इलाके सामान्य से कम वर्षा प्राप्त कर सकते हैं।”
सामान्य से अधिक वर्षा कृषि और जल संसाधनों के लिए लाभकारी हो सकती है, लेकिन इसके साथ बाढ़, भूस्खलन, परिवहन बाधा, सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्याओं और पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान जैसे गंभीर खतरे भी जुड़े हैं। इन खतरों से निपटने के लिए मजबूत बुनियादी ढांचे, आईएमडी की चेतावनियों का उपयोग, निगरानी और संरक्षण प्रयासों को बढ़ावा देने और संवेदनशील क्षेत्रों में ठोस प्रतिक्रिया तंत्र स्थापित करने की आवश्यकता है।
आईएमडी वर्ष 2021 से दक्षिण-पश्चिम मानसून की मासिक और मौसमी भविष्यवाणी जारी कर रहा है, जो मल्टी-मॉडल एन्सेम्बल (MME) पूर्वानुमान प्रणाली पर आधारित है। इस प्रणाली में विभिन्न वैश्विक जलवायु भविष्यवाणी और अनुसंधान केंद्रों के कपल्ड ग्लोबल क्लाइमेट मॉडल्स (CGCMs) का उपयोग किया जाता है। इसमें आईएमडी का मॉनसून मिशन क्लाइमेट फोरकास्टिंग सिस्टम (MMCFS) मॉडल भी शामिल है।
आईएमडी ने 15 अप्रैल को 2025 के जून-सितंबर दक्षिण-पश्चिम मानसून सीजन के लिए पहला चरण का पूर्वानुमान जारी किया था और 27 मई को इसमें अपडेट दिया। इसके अलावा जून और जुलाई के लिए क्रमशः 27 मई और 30 जून को पूर्वानुमान जारी किया गया था। अगस्त-सितंबर के लिए मौसमी वर्षा पूर्वानुमान और अगस्त माह के वर्षा व तापमान परिदृश्य 31 जुलाई को जारी किए गए थे।
सितंबर 2025 के लिए सतही वायु तापमान के पूर्वानुमान में आईएमडी ने कहा कि देश के पश्चिम-मध्य, उत्तर-पश्चिम और दक्षिण भारत के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से कम या सामान्य रह सकता है। वहीं, पूर्व-मध्य, पूर्व और उत्तर-पूर्व भारत के अधिकांश क्षेत्रों, उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों और पश्चिमी तटीय क्षेत्रों में तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है।
With inputs from IANS