आयुष दवाओं के नियमन और गुणवत्ता को बढ़ाने हेतु फार्माकोपिया आयोग ने प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कियाBy Admin Sat, 13 September 2025 05:35 AM

नई दिल्ली। आयुष मंत्रालय ने बताया कि भारतीय चिकित्सा एवं होम्योपैथी के लिए फार्माकोपिया आयोग ने आयुष दवाओं के नियमन और गुणवत्ता को सुदृढ़ करने के लिए क्षमता-विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया।

यह पाँच दिवसीय कार्यक्रम 8 से 12 सितम्बर तक गाज़ियाबाद में आयोजित हुआ, जिसका उद्देश्य आयुर्वेद, सिद्धha, यूनानी और होम्योपैथी दवाओं के लिए नियामक ढाँचे, गुणवत्ता आश्वासन और मानकीकरण प्रक्रियाओं को मज़बूत करना था।

कार्यक्रम में देशभर से 27 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिनमें नियामक संस्थानों, अनुसंधान परिषदों, औषधि उद्योगों और शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल थे।

प्रशिक्षण सत्रों को इस तरह तैयार किया गया था कि दवा प्रवर्तन अधिकारियों, गुणवत्ता नियंत्रण कर्मियों और औषधि निर्माताओं को फार्माकोपियल मानकों और गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिसेज़ (GMP) की उन्नत जानकारी और व्यवहारिक अनुभव मिल सके।

तकनीकी सत्रों में औषधीय पौधों की पहचान (फार्माकोग्नॉस्टिक), फाइटोकैमिकल विश्लेषण और GMP अनुपालन के साथ-साथ फार्माकोग्नॉसी और रसायन प्रयोगशालाओं में व्यावहारिक प्रशिक्षण शामिल था।

विशेषज्ञों द्वारा दिए गए व्याख्यानों में दवाओं की शेल्फ-लाइफ अध्ययन और नियामक ढाँचे पर चर्चा हुई। इसके बाद प्रतिभागियों ने डॉ. विलमार श्वाबे इंडिया (नोएडा) और हमदर्द लेबोरेट्रीज़ (गाज़ियाबाद) का दौरा किया, जिससे उन्हें वास्तविक औद्योगिक अनुभव मिला।

सत्रों में सूक्ष्मजीवविज्ञान और औषधीय मूल्यांकन, धातु एवं खनिज आधारित दवाओं का मानकीकरण और नियामक पहलुओं पर भी ध्यान दिया गया। प्रतिभागियों ने प्रयोगशाला प्रशिक्षण के साथ-साथ ऑन-साइट हर्बल गार्डन का भी भ्रमण किया।

प्रशिक्षण में एनएबीएल मान्यता, GMP और सिद्धha दवाओं के मानकीकरण पर भी विस्तृत चर्चाएँ हुईं।

प्रतिभागियों ने विशेषज्ञों द्वारा संचालित व्याख्यानों, प्रयोगशाला सत्रों और फील्ड विज़िट्स के अनोखे संयोजन की सराहना की।

यह प्रशिक्षण कार्यक्रम फार्माकोपियल मानकों, GMP और नियामक अनुपालन की उनकी समझ को सुदृढ़ करने में सहायक रहा, जिससे एएसयूएच (ASU&H) दवाओं की सुरक्षा, प्रभावशीलता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने की राष्ट्रीय प्रतिबद्धता को और मज़बूती मिली।

 

With inputs from IANS