
नई दिल्ली- टेलीकॉम सुरक्षा परीक्षण पारिस्थितिकी तंत्र को सशक्त बनाते हुए सरकार ने मंगलवार को एक और प्रयोगशाला को आईपी राउटर की सुरक्षा जांच के लिए नामित किया।
दूरसंचार विभाग के अंतर्गत राष्ट्रीय संचार सुरक्षा केंद्र (एनसीसीएस) ने नोएडा स्थित कंप्लायंस इंटरनेशनल को कम्युनिकेशन सिक्योरिटी सर्टिफिकेशन (कॉमसेक) योजना के तहत टेलीकॉम सिक्योरिटी टेस्टिंग लेबोरेटरी (टीएसटीएल) के रूप में नामित किया है।
इस नए जुड़ाव के साथ अब भारत में टीएसटीएल की संख्या बढ़कर नौ हो गई है। ये प्रयोगशालाएं कर्नाटक, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में स्थित हैं।
संचार मंत्रालय के अनुसार, ये प्रयोगशालाएं देशभर में ओईएम, आयातकों और सेवा प्रदाताओं को उनके कारोबारी केंद्रों के पास ही तेज़ और किफायती अनुपालन परीक्षण की सुविधा देती हैं।
नामित प्रयोगशालाओं को 27 श्रेणियों के टेलीकॉम उपकरणों की सुरक्षा जांच करने का अधिकार है। इनमें आईपी राउटर, वाई-फाई सीपीई, ऑप्टिकल लाइन टर्मिनल (ओएलटी), ऑप्टिकल नेटवर्क टर्मिनल (ओएनटी) और 5जी कोर के 23 नेटवर्क फंक्शंस शामिल हैं।
इन प्रयोगशालाओं में पहले से ही कई टेलीकॉम उत्पादों की सुरक्षा जांच चल रही है। मंत्रालय के मुताबिक, सभी नामित प्रयोगशालाओं और उन्हें सौंपे गए उपकरणों की पूरी सूची एनसीसीएस पोर्टल पर उपलब्ध है।
सरकार के अनुसार, यह कदम भारत को टेलीकॉम सुरक्षा परीक्षण और प्रमाणन का वैश्विक केंद्र बनाने की दिशा में एक और अहम कदम है।
एनसीसीएस को भारत में टेलीकॉम/आईसीटी उत्पादों के लिए कॉमसेक योजना के अंतर्गत सुरक्षा परीक्षण और प्रमाणन ढांचे को लागू करने का दायित्व दिया गया है। यह योजना सितंबर 2017 में अधिसूचित अनिवार्य परीक्षण और प्रमाणन (एमटीसीटीई) नियमों का हिस्सा है, जिसमें सुरक्षा परीक्षण को तकनीकी विनियमों में शामिल किया गया है।
योजना के तहत, भारत में किसी भी टेलीकॉम उपकरण को बेचना, आयात करना या इस्तेमाल करना चाहने वाले प्रत्येक ओईएम/आयातक/डीलर के लिए सुरक्षा परीक्षण और प्रमाणन कराना अनिवार्य है।
With inputs from IANS