भारत का स्वदेशी 4G स्टैक 1 लाख बीएसएनएल टावरों पर तैनात, अब निर्यात के लिए तैयारBy Admin Sat, 11 October 2025 08:21 AM

नई दिल्ली — भारत की पूरी तरह स्वदेशी 4G तकनीकी प्रणाली, जिसे भारत टेलीकॉम स्टैक कहा जाता है, अब देशभर में लगभग 1 लाख बीएसएनएल टावरों पर सफलतापूर्वक तैनात कर दी गई है। इस प्रणाली को अंतरराष्ट्रीय बाजार में निर्यात के लिए भी उपयुक्त माना गया है।

इंडिया नैरेटिव की रिपोर्ट के अनुसार, यह तकनीक भारत के लिए विदेशी मुद्रा अर्जन का एक बड़ा स्रोत बन सकती है और देश के टेक्नोलॉजी निर्यात पोर्टफोलियो को और सशक्त बना सकती है।

भारत का यह 4G स्टैक तेज़ और विश्वसनीय इंटरनेट स्पीड, निर्बाध कनेक्टिविटी और मजबूत नेटवर्क संरचना का वादा करता है।

इस उपलब्धि के साथ भारत अब उन पाँच देशों में शामिल हो गया है, जिनके पास एंड-टू-एंड टेलीकॉम स्टैक क्षमता है। इससे भारत की डिजिटल संप्रभुता (Digital Sovereignty) मजबूत हुई है, क्योंकि यह विदेशी तकनीक पर निर्भरता घटाता है और साइबर सुरक्षा जोखिमों को कम करता है।

इस प्रणाली में सी-डॉट (C-DOT) द्वारा विकसित कोर नेटवर्क, तेजस नेटवर्क्स के रेडियो उपकरण और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) द्वारा किया गया सिस्टम इंटीग्रेशन शामिल है। यह प्रणाली 5G में अपग्रेडेबल है, जिससे भारत भविष्य की दूरसंचार प्रगति के लिए और अधिक तैयार है तथा राष्ट्रीय सुरक्षा को भी मजबूती मिलती है।

4G स्टैक के संचालन ने ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में कनेक्टिविटी में उल्लेखनीय सुधार किया है, जिससे ब्रॉडबैंड कवरेज और डिजिटल समावेशन को गति मिली है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्ण 4G स्टैक का देश में ही विकास करना एक तकनीकी मील का पत्थर है, क्योंकि अब तक दूरसंचार क्षेत्र अमेरिका, चीन, यूरोप और दक्षिण कोरिया जैसी विदेशी तकनीक पर निर्भर रहा है।

इस जटिल तकनीक में महारत हासिल कर भारत ने एक अहम निर्भरता की खाई (dependency gap) को पाट दिया है और अपने डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र को नियंत्रित करने की क्षमता प्राप्त की है।

इसके साथ ही, यह प्रणाली 5G ही नहीं बल्कि 6G तक अपग्रेड करने की क्षमता रखती है, जो भारत को दूरसंचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निरंतर नेतृत्व की दिशा में अग्रसर करती है।

सरकार और उद्योग जगत को उम्मीद है कि प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) जैसी योजनाओं से समर्थित टेलीकॉम उपकरण निर्माण लाइन में अधिक निवेश आएगा, उच्च-कौशल नौकरियों के अवसर बढ़ेंगे और देश में उच्च-मूल्य विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र का विस्तार होगा।

 

With inputs from IANS