
नई दिल्ली — आने वाली वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों में यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए ऊपरी बर्थ (अपर बर्थ) को नए सिरे से डिज़ाइन किया गया है, जिससे यह अधिक आरामदायक और सभी आयु वर्ग के यात्रियों के लिए आसानी से सुलभ होगी। यह जानकारी एक सरकारी अधिकारी ने बुधवार को दी।
काइनेट (Kinet) कंपनी के वंदे भारत प्रोजेक्ट निदेशक निशांक गर्ग ने आईएएनएस को बताया कि यात्रियों की प्रतिक्रिया (फीडबैक) ने नए डिज़ाइन को आकार देने में अहम भूमिका निभाई है।
उन्होंने कहा, “आमतौर पर यात्रियों को यह लगता है कि ऊपरी बर्थ न तो आरामदायक होती है और न ही उस तक पहुँचना आसान होता है। हमने नए वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को इसी बात को ध्यान में रखकर तैयार किया है।”
गर्ग ने बताया कि ऊपरी बर्थ तक जाने वाली सीढ़ी को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि यात्रियों को चढ़ने-उतरने में किसी प्रकार की कठिनाई न हो। “यह सुविधा पहली ही ट्रेन से उपलब्ध होगी, जिसे हम अगले वर्ष तक डिलीवर करने का लक्ष्य रखे हुए हैं। इस दिशा में कार्य तेजी से चल रहा है,” उन्होंने कहा।
काइनेट के मुख्य डिज़ाइनर एवगेनी मस्लोव ने बताया कि इस डिज़ाइन का उद्देश्य लंबी दूरी की रेल यात्राओं को अधिक आरामदायक और आधुनिक अनुभव में बदलना है।
उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य यात्रियों को अगली पीढ़ी का आरामदायक यात्रा अनुभव देना है। हमें विश्वास है कि वंदे भारत भारत के लिए एक ऐतिहासिक परियोजना है, और यह उसका भविष्य का स्वरूप दर्शाती है।”
काइनेट रेलवे सॉल्यूशंस रूस की सबसे बड़ी रोलिंग स्टॉक निर्माता कंपनी सीजेएससी ट्रांसमाशहोल्डिंग (Transmashholding) और भारत सरकार के रेलवे मंत्रालय के अधीन सार्वजनिक उपक्रम रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) के बीच एक संयुक्त उपक्रम है। इस साझेदारी को वंदे भारत परियोजना के तहत 1,920 स्लीपर कोच (120 ट्रेनसेट) डिज़ाइन और निर्माण करने तथा अगले 35 वर्षों तक इनके रखरखाव की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि पिछले 11 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में रेलवे में बड़े पैमाने पर आधुनिकीकरण हुआ है। इस दौरान 35,000 किलोमीटर नई पटरियाँ बिछाई गईं, 46,000 किलोमीटर मार्ग का विद्युतीकरण हुआ, और 40,000 नए कोच तैयार किए गए हैं।
उन्होंने कहा, “पिछले 11 वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी ने रेलवे के आधुनिकीकरण पर विशेष ध्यान दिया है, और आज इसके परिणाम स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं।”
With inputs from IANS