
नई दिल्ली — भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास ने गुरुवार को एप्लाइड मटेरियल्स इंडिया के साथ साझेदारी की घोषणा की है, जिसके तहत अत्याधुनिक सेमीकंडक्टर अनुसंधान और कार्यबल विकास को बढ़ावा देने के लिए AppliedTwin™ डिजिटल ट्विन फ्रेमवर्क लागू किया जाएगा।
संस्थान के अनुसार, AppliedTwin™ एक उन्नत डिजिटल ट्विन समाधान है, जिसे सेमीकंडक्टर विनिर्माण उपकरणों और प्रक्रियाओं के मॉडलिंग और अनुकूलन के लिए विकसित किया गया है।
गुरुवार को आईआईटी मद्रास में AppliedTwin™ पर एक व्यावहारिक कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें 150 से अधिक छात्र और संकाय सदस्य शामिल हुए। आईआईटी मद्रास और तमिलनाडु सरकार संयुक्त रूप से एक सेमीकंडक्टर फेब्रिकेशन (FAB) सुविधा स्थापित करने की योजना बना रहे हैं, जिसमें एकीकृत विश्वसनीयता और पैकेजिंग क्षमताएँ शामिल होंगी।
संस्थान ने कहा कि आईआईटी मद्रास में AppliedTwin™ डिजिटल फ्रेमवर्क की तैनाती भारत के सेमीकंडक्टर अनुसंधान एवं विकास (R&D) ढांचे को मजबूत करने और उद्योग के अनुरूप कुशल कार्यबल तैयार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रो. वी. कामकोटी ने कहा, “AppliedTwin™ फ्रेमवर्क हमारे संकाय और छात्रों को अवधारणा निर्माण, प्रोटोटाइपिंग, परीक्षण और प्रक्रिया अन्वेषण को वर्चुअली तेज़ी से करने में सक्षम बनाएगा, जिससे अनुसंधान एवं विकास की लागत और समय में उल्लेखनीय कमी आएगी।”
उन्होंने आगे कहा, “उन्नत डिजिटल ट्विन प्रौद्योगिकियों को हमारे पाठ्यक्रम और अनुसंधान में शामिल करके, हम भारत को सेमीकंडक्टर डिजाइन और निर्माण के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने के राष्ट्रीय लक्ष्य में महत्वपूर्ण योगदान देना चाहते हैं।”
AppliedTwin™ को संचालित करने वाला मूल सॉफ्टवेयर आपूर्तिकर्ताओं, सरकारी एजेंसियों, ग्राहकों और अनुसंधान संस्थानों के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करते हुए नवाचार नेटवर्क विकसित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
आईआईटी मद्रास को प्रदान किए गए सॉफ्टवेयर समाधान में मल्टी-फिजिक्स मॉडलिंग टूल और TOPO+ टोपोग्राफी सिमुलेटर शामिल हैं।
संस्थान के अनुसार, देशभर के छात्र और एमएसएमई उद्यमी इस सॉफ्टवेयर तक आईआईटी मद्रास प्लेटफ़ॉर्म या Swayam Plus के माध्यम से पहुँच प्राप्त कर सकेंगे।
वर्चुअल सेमीकंडक्टर प्रक्रिया प्रयोगों तक पहुँच से छात्रों और शोधकर्ताओं को वास्तविक फेब्रिकेशन वर्कफ़्लो का व्यावहारिक अनुभव मिलेगा, जिससे वे भारत के भौतिक FAB बुनियादी ढांचे के पूर्ण विकसित होने से पहले ही उन्नत कौशल हासिल कर सकेंगे।
With inputs from IANS