
नई दिल्ली- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी दी है कि बढ़ती एंटीमाइक्रोबियल रेज़िस्टेंस (AMR) पर समय रहते कड़े कदम उठाना बेहद ज़रूरी है, ताकि संक्रमणों का इलाज संभव बना रहे और सर्जरी जैसी चिकित्सीय प्रक्रियाएं सुरक्षित रहें। यह बयान WHO ने शुक्रवार को वर्ल्ड AMR अवेयरनेस वीक के दौरान दिया।
WHO ने विशेष रूप से दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों से अपील की है कि वे “अभी कार्रवाई करें: वर्तमान की रक्षा करें, भविष्य सुरक्षित बनाएं”।
WHO दक्षिण-पूर्व एशिया की इंचार्ज अधिकारी डॉ. कैथरीना बोहम ने कहा, “AMR आधुनिक चिकित्सा की नींव को हिला रहा है और दशकों की चिकित्सा प्रगति को खतरे में डाल रहा है। पूरे विश्व में—विशेषकर दक्षिण-पूर्व एशिया में—सामान्य संक्रमणों का उपचार कठिन होता जा रहा है।”
उन्होंने कहा, “यह पहले से ही जानें ले रहा है, महत्वपूर्ण उपचारों की प्रभावशीलता को कम कर रहा है, और स्वास्थ्य प्रणालियों पर भारी दबाव डाल रहा है। AMR हर साल दुनिया भर में एक मिलियन से अधिक मौतों का कारण बन रहा है, और यदि तुरंत कार्रवाई नहीं की गई, तो आने वाले दशकों में यह बोझ तेजी से बढ़ेगा।”
लो- और मिडिल-इनकम देशों पर अधिक असर
हाल ही में जारी ग्लोबल एंटीमाइक्रोबियल रेज़िस्टेंस सर्वेलांस रिपोर्ट 2025 के अनुसार, एंटीबायोटिक रेज़िस्टेंस का सबसे अधिक और असमान प्रभाव निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों पर पड़ रहा है, विशेषकर उन देशों पर जिनकी स्वास्थ्य प्रणाली कमजोर है।
चौंकाने वाली बात यह है कि 2023 में दक्षिण-पूर्व एशिया और पूर्वी भूमध्यसागरीय क्षेत्र में प्रतिरोध के मामले सबसे अधिक पाए गए।
बोहम ने कहा, “दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में विभिन्न स्वास्थ्य प्रणालियां, दवाओं की असमान उपलब्धता और एंटीमाइक्रोबियल उपयोग के अलग-अलग पैटर्न जैसी विशिष्ट चुनौतियां हैं। इन चुनौतियों का सामना करते हुए हमारे पास नवाचार, क्षेत्रीय साझेदारी, लैब क्षमता बढ़ाने और सामुदायिक पहल को मजबूत करने के अवसर भी मौजूद हैं।”
AMR के लिए 2025–2030 रोडमैप को मंज़ूरी
WHO की दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्रीय समिति के 78वें सत्र में अक्टूबर 2025 में AMR पर रीजनल रोडमैप (2025–2030) को सदस्य देशों ने मंजूरी दी।
यह रोडमैप वैश्विक AMR लक्ष्यों की दिशा में प्रगति तेज करने और देश-स्तरीय कार्यों को मजबूत करने के लिए एक स्पष्ट ढांचा प्रदान करता है। इसमें राष्ट्रीय नेतृत्व, स्वास्थ्य प्राथमिकताओं में एकीकरण, टिकाऊ वित्तपोषण और बेहतर शासन पर जोर दिया गया है।
बोहम ने आगे कहा, “हमें मानव, पशु और पर्यावरण स्वास्थ्य क्षेत्रों में दीर्घकालिक निवेश और रणनीतिक कार्रवाई को प्राथमिकता देनी चाहिए। निगरानी को मजबूत करना, गुणवत्तापूर्ण दवाओं और डायग्नोस्टिक्स तक समान पहुंच सुनिश्चित करना, नवाचार को बढ़ावा देना और सशक्त स्वास्थ्य प्रणाली तैयार करना—इन सभी के लिए लगातार निवेश और प्रतिबद्धता आवश्यक है।”
With inputs from IANS