बच्चों के आधार बायोमेट्रिक अपडेट में तेजी लाने के लिए स्कूलों के जरिए राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू करेगा UIDAIBy Admin Mon, 21 July 2025 03:18 AM

नई दिल्ली — भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) देशभर में बच्चों के आधार कार्ड के बायोमेट्रिक अपडेट को गति देने के लिए अगले दो महीनों में एक बड़ा अभियान शुरू करने जा रहा है। यह पहल स्कूलों के माध्यम से चलाई जाएगी और इसका लक्ष्य उन 7 करोड़ से अधिक बच्चों को कवर करना है जिनका बायोमेट्रिक डेटा अब तक अपडेट नहीं हुआ है।

UIDAI के सीईओ भुवनेश कुमार ने बताया कि वर्तमान में तकनीक का परीक्षण किया जा रहा है और अगले 45 से 60 दिनों में इसके तैयार होने की उम्मीद है। यह परियोजना चरणबद्ध तरीके से शुरू की जाएगी — पहले स्कूलों में और फिर कॉलेजों में उन बच्चों के लिए, जिनकी उम्र 15 साल हो चुकी है और जिन्हें दूसरी बार बायोमेट्रिक अपडेट कराना अनिवार्य होता है।

UIDAI के दिशानिर्देशों के अनुसार, जब कोई बच्चा 5 वर्ष का हो जाता है, तो उसका बायोमेट्रिक अपडेट अनिवार्य हो जाता है। 5 साल से कम उम्र के बच्चों को बिना बायोमेट्रिक के आधार जारी किया जाता है। यदि कोई बच्चा 7 साल की उम्र तक अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट (MBU) नहीं कराता, तो उसका आधार नंबर निष्क्रिय हो सकता है। उम्र 5 से 7 साल के बीच अपडेट नि:शुल्क होता है, जबकि 7 साल के बाद इसके लिए ₹100 शुल्क लिया जाता है।

भुवनेश कुमार ने कहा, "आधार कई सरकारी योजनाओं के लाभों को पहुंचाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। हम चाहते हैं कि बच्चों को समय पर सभी लाभ मिलें। स्कूलों के माध्यम से हम अधिक से अधिक बच्चों तक आसानी से पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं।"

UIDAI ने उन बच्चों के माता-पिता और अभिभावकों को चेताया है जिनकी उम्र 7 साल हो चुकी है लेकिन अभी तक उनका आधार बायोमेट्रिक अपडेट नहीं हुआ है। यह एक अनिवार्य प्रक्रिया है जिसे किसी भी आधार सेवा केंद्र या नामित केंद्र पर जाकर पूरा किया जा सकता है।

UIDAI ने ऐसे मामलों में पंजीकृत मोबाइल नंबरों पर SMS भेजना शुरू कर दिया है, ताकि समय रहते माता-पिता अपने बच्चों का MBU पूरा करा सकें।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, 5 साल से कम उम्र के बच्चों का आधार नाम, जन्म तिथि, लिंग, पता और आवश्यक दस्तावेजों के आधार पर बनाया जाता है, लेकिन इस उम्र में फिंगरप्रिंट और आइरिस स्कैन नहीं लिए जाते, क्योंकि ये उस उम्र में पूरी तरह विकसित नहीं होते।

इसलिए, जब कोई बच्चा 5 वर्ष की आयु को प्राप्त करता है, तो फिंगरप्रिंट, आइरिस और फोटो का अपडेट आधार में करना अनिवार्य होता है, जिसे प्रथम अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट (MBU) कहा जाता है।

 

With inputs from IANS