
नई दिल्ली- एक शोध के अनुसार, कोविड-19 संक्रमण से रक्त वाहिकाओं की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया लगभग पाँच साल तक तेज हो सकती है, खासतौर पर महिलाओं में।
शोधकर्ताओं ने बताया कि जैसे-जैसे रक्त वाहिकाएं बूढ़ी होती हैं, धमनियां कठोर हो जाती हैं, जिससे हृदय रोग, स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
फ्रांस की Université Paris Cité की प्रोफेसर रोज़ा मारिया ब्रूनो ने कहा, “हमें पता है कि कोविड सीधे रक्त वाहिकाओं को प्रभावित कर सकता है। हमारा मानना है कि इससे ‘अर्ली वैस्कुलर एजिंग’ हो सकती है, यानी आपकी रक्त वाहिकाएं आपकी वास्तविक उम्र से ज्यादा पुरानी हो जाती हैं और इससे दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।”
उन्होंने आगे कहा, “अगर ऐसा हो रहा है तो हमें शुरुआती स्तर पर यह पहचानना जरूरी है कि किसे खतरा है, ताकि हार्ट अटैक और स्ट्रोक से बचाव किया जा सके।”
यह अध्ययन यूरोपियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित हुआ है। इसमें 16 देशों (ऑस्ट्रिया, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, कनाडा, साइप्रस, फ्रांस, ग्रीस, इटली, मैक्सिको, नॉर्वे, तुर्की, ब्रिटेन और अमेरिका) के 2,390 लोगों को शामिल किया गया था। प्रतिभागियों को सितंबर 2020 से फरवरी 2022 के बीच भर्ती किया गया।
परिणामों से पता चला कि कोविड संक्रमित सभी तीन समूहों — यहां तक कि हल्के लक्षण वाले मरीजों — की धमनियां उन लोगों की तुलना में ज्यादा कठोर थीं जिन्हें संक्रमण नहीं हुआ था।
यह असर महिलाओं में पुरुषों की तुलना में अधिक पाया गया और लॉन्ग कोविड से जूझ रहे लोगों में, जैसे सांस फूलना और थकान जैसी समस्याएं, अधिक देखा गया।
गौरतलब है कि कोविड वैक्सीन लगवाने वालों की धमनियां आम तौर पर उन लोगों की तुलना में कम कठोर थीं जिन्होंने वैक्सीन नहीं ली थी। लंबे समय में कोविड संक्रमण से जुड़ी रक्त वाहिकाओं की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया स्थिर हो गई या थोड़ी बेहतर हुई।
प्रोफेसर ब्रूनो ने यह भी बताया कि महिलाओं और पुरुषों के बीच अंतर की एक वजह “प्रतिरक्षा प्रणाली के कार्य में अंतर” हो सकता है।
उन्होंने कहा, “महिलाओं में संक्रमण के खिलाफ तेज़ और मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया होती है, जो उन्हें संक्रमण से बचा सकती है। लेकिन यही प्रतिक्रिया शुरुआती संक्रमण के बाद रक्त वाहिकाओं को अधिक नुकसान भी पहुँचा सकती है।”
With inputs from IANS