
नई दिल्ली- राष्ट्रीय ग्रिड में नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी लगातार बढ़ने और स्वच्छ व दक्ष ऊर्जा प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा दिए जाने से भारत में ग्रिड बिजली की औसत कार्बन उत्सर्जन तीव्रता में करीब 7 प्रतिशत की कमी आई है। संसद को गुरुवार को यह जानकारी दी गई।
वर्ष 2014-15 में यह औसत 0.78 किलोग्राम प्रति किलोवाट घंटा (KWh) था, जो 2023-24 में घटकर 0.72 किलोग्राम/KWh रह गया है।
विद्युत राज्य मंत्री श्रीपाद नाइक ने बताया कि भारत इस वर्ष ही अपनी कुल स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता का 50 प्रतिशत हिस्सा नवीकरणीय ऊर्जा से हासिल करने का लक्ष्य पूरा कर चुका है, जो मूल रूप से वर्ष 2030 के लिए तय किया गया था।
उन्होंने लोकसभा में लिखित उत्तर में कहा, “भारत ने अगस्त 2022 में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क सम्मेलन (UNFCCC) को सौंपी गई अपनी अद्यतन राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC) में 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा स्रोतों से कुल स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता का लगभग 50 प्रतिशत हासिल करने का लक्ष्य रखा था। 31 जुलाई 2025 तक गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित क्षमता कुल स्थापित उत्पादन क्षमता का 50.25 प्रतिशत हो गई है।”
नाइक ने कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन से निपटने के प्रति प्रतिबद्ध है और साथ ही ऊर्जा सुरक्षा, सस्ती ऊर्जा उपलब्धता और ऊर्जा तक पहुंच को भी सर्वोच्च प्राथमिकता मानता है, ताकि अर्थव्यवस्था को वर्ष 2070 तक ‘नेट-जीरो’ उत्सर्जन की दिशा में ले जाया जा सके।
सरकार के कदम
नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं।
नई एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) ने 2023-24 से 2027-28 तक हर साल 50 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा खरीद बोली निकालने की रूपरेखा जारी की है।
नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) स्वचालित मार्ग से अनुमति है।
सौर और पवन ऊर्जा की इंटर-स्टेट बिक्री के लिए इंटर-स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम (ISTS) शुल्क 30 जून 2025 तक कमीशन होने वाली परियोजनाओं के लिए माफ किया गया है।
ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं को 2030 तक और अपतटीय पवन परियोजनाओं को 2032 तक ISTS शुल्क छूट मिलेगी।
ग्रिड से जुड़ी सौर, पवन, पवन-सौर हाइब्रिड और FDRE (Firm & Dispatchable Renewable Energy) परियोजनाओं के लिए मानक प्रतिस्पर्धी बोली दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।
प्रमुख योजनाएं
प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (PM-KUSUM)
पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना
उच्च दक्षता वाले सोलर पीवी मॉड्यूल पर राष्ट्रीय कार्यक्रम
राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन
अपतटीय पवन ऊर्जा परियोजनाओं के लिए Viability Gap Funding (VGF) योजना
इसके अलावा, सौर पार्क और अल्ट्रा मेगा सोलर पावर परियोजनाओं की स्थापना भी की जा रही है ताकि बड़े पैमाने पर भूमि और ट्रांसमिशन की सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर योजना के तहत नई ट्रांसमिशन लाइनें बिछाने और सब-स्टेशन क्षमता बढ़ाने के लिए धन उपलब्ध कराया जा रहा है।
इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा
सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को अपनाने को भी प्रोत्साहित कर रही है।
ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट उद्योग के लिए उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना लागू की गई है।
इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए पंजीकरण और परमिट शुल्क माफ किए गए हैं।
पीएम ई-ड्राइव योजना (29 सितंबर 2024) ई-टू-व्हीलर, ई-थ्री-व्हीलर, ई-ट्रक, ई-एम्बुलेंस और ई-बसों की बिक्री को प्रोत्साहन देने के लिए लाई गई है। इसमें चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और वाहन परीक्षण एजेंसियों के उन्नयन का भी प्रावधान है।
पीएम ई-बस सेवा-भुगतान सुरक्षा तंत्र योजना (28 अक्टूबर 2024) के तहत 38,000 से अधिक इलेक्ट्रिक बसों की तैनाती का लक्ष्य है। इस योजना का उद्देश्य सार्वजनिक परिवहन प्राधिकरणों द्वारा भुगतान न होने की स्थिति में ई-बस संचालकों को सुरक्षा प्रदान करना है।
With inputs from IANS