भारत-अमेरिका ने तनाव के बीच सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराईBy Admin Wed, 27 August 2025 05:16 AM

न्यूयॉर्क| टैरिफ और मध्यस्थता के दावों को लेकर भारत और अमेरिका के बीच जारी तनाव के बीच, दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों ने वर्चुअल परामर्श बैठक की। इस दौरान उन्होंने द्विपक्षीय पहलों को आगे बढ़ाने और व्यापार सहित कई मुद्दों पर चर्चा की। यह जानकारी अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को दी।

सोमवार को हुई अमेरिका-भारत 2+2 अंतरावधि संवाद की बैठक को लेकर अमेरिकी पक्ष ने जारी बयान में भारत-अमेरिका संबंधों के भविष्य को लेकर सकारात्मक संकेत दिए, जो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, उपराष्ट्रपति जे.डी. वांस और व्यापार से जुड़े अधिकारियों के कड़े बयानों के विपरीत रहा।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी इसी तरह का बयान जारी कर अमेरिकी वक्तव्य की पुष्टि की।

संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों देशों के अधिकारी “भारत और अमेरिका की जनता के हित में द्विपक्षीय संबंधों की व्यापकता और गहराई को और बढ़ाने की उत्सुकता व्यक्त करते हैं।”

बैठक में क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति, साझा रणनीतिक प्राथमिकताओं, व्यापार और निवेश, ऊर्जा सुरक्षा (जिसमें सिविल-न्यूक्लियर सहयोग को मजबूत करना शामिल है), महत्वपूर्ण खनिजों की खोज, मादक पदार्थ-रोधी और आतंकवाद-रोधी सहयोग जैसे विषयों पर चर्चा हुई।

यह बैठक ऐसे समय में हुई जब अमेरिकी आंतरिक सुरक्षा विभाग ने बुधवार से भारत पर 25 प्रतिशत दंडात्मक टैरिफ लगाने का मसौदा जारी किया है। यह पहले से घोषित 25 प्रतिशत प्रतिशोधी टैरिफ के अतिरिक्त होगा।

बैठक की सह-अध्यक्षता भारतीय विदेश मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव नागराज नायडू काकनूर और रक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव विश्वेश नेगी ने की। अमेरिकी पक्ष से बेथनी मॉरिसन (दक्षिण और मध्य एशिया मामलों की वरिष्ठ अधिकारी) और जेडिडियाह पी. रॉयल (इंडो-पैसिफिक सुरक्षा मामलों के कार्यवाहक सहायक रक्षा सचिव) शामिल हुए।

यह संवाद 2+2 मंत्रिस्तरीय बैठकों के बीच आयोजित किया जाता है, ताकि आपसी संबंधों की समीक्षा की जा सके और अगली उच्च स्तरीय बैठक तक की रणनीति तय की जा सके। पिछली 2+2 मंत्रिस्तरीय बैठक नवंबर में नई दिल्ली में आयोजित हुई थी, जिसमें विदेश मंत्री एस. जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने भाग लिया था।

भारत और अमेरिका ने क्वाड समूह (भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान) के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को भी दोहराया, जो इंडो-पैसिफिक क्षेत्र पर केंद्रित है। साथ ही, रक्षा सहयोग को भी और मजबूत करने पर सहमति जताई गई।

जारी बयान में कहा गया, “दोनों पक्षों ने रक्षा सहयोग बढ़ाने की आशा व्यक्त की, जिसमें अमेरिका-भारत प्रमुख रक्षा साझेदारी के लिए नए 10-वर्षीय फ्रेमवर्क पर हस्ताक्षर, रक्षा उद्योग, विज्ञान और तकनीकी सहयोग, संचालनात्मक समन्वय, क्षेत्रीय सहयोग और सूचना साझा करने जैसे पहलू शामिल हैं।”

उन्होंने कहा कि ये प्रयास यूएस-इंडिया COMPACT (Catalysing Opportunities for Military Partnership, Accelerated Commerce & Technology) for the 21st Century and beyond के तहत हुई प्रगति पर आधारित होंगे।

गौरतलब है कि राष्ट्रपति ट्रंप बार-बार यह दावा कर चुके हैं कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर संघर्ष को सुलझाने में व्यापार को हथियार की तरह इस्तेमाल कर मध्यस्थता की थी, जिसे भारत खारिज करता रहा है। ट्रंप ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी कड़े बयान दिए हैं।

 

With inputs from IANS