प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग 31 अगस्त को एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान करेंगे मुलाकातBy Admin Thu, 28 August 2025 08:42 AM

नई दिल्ली/बीजिंग| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग रविवार को तियानजिन में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के इतर द्विपक्षीय बैठक करेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति शी के निमंत्रण पर एससीओ शिखर सम्मेलन में शामिल होने चीन जा रहे हैं। यह उनकी पिछले सात वर्षों में पहली चीन यात्रा होगी और 2020 में गलवान घाटी में भारत-चीन सैनिकों के बीच हुए आमने-सामने के बाद पहली मुलाकात भी होगी।

दोनों नेताओं की पिछली मुलाकात 2024 में रूस के कज़ान में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी। उसके बाद भारत और चीन ने लगभग 3500 किमी लंबे वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गश्ती को लेकर समझौता किया था, जिससे चार साल से जारी सीमा विवाद में बड़ी प्रगति हुई।

21 अगस्त को चीन के राजदूत शु फेइहोंग ने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी की तियानजिन यात्रा दोनों देशों के रिश्तों में सुधार और विकास को नई गति देगी। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी की चीन यात्रा न केवल एससीओ बल्कि भारत-चीन द्विपक्षीय रिश्तों के लिए भी बेहद अहम होगी। हमारी ओर से इस यात्रा को पूरी तरह सफल बनाने की तैयारी की जा रही है।”

इससे पहले 19 अगस्त को चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी और राष्ट्रपति शी का निमंत्रण सौंपा था। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “विदेश मंत्री वांग यी से मिलकर खुशी हुई। पिछले साल कज़ान में राष्ट्रपति शी के साथ मेरी मुलाकात के बाद से भारत-चीन संबंध आपसी हितों और संवेदनशीलताओं के सम्मान के आधार पर स्थिर प्रगति कर रहे हैं। मैं तियानजिन में हमारी अगली मुलाकात को लेकर उत्सुक हूं। स्थिर और रचनात्मक भारत-चीन संबंध क्षेत्रीय और वैश्विक शांति व समृद्धि में अहम योगदान देंगे।”

प्रधानमंत्री ने बैठक के दौरान सीमा पर शांति बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया और इस बात को दोहराया कि भारत सीमा विवाद का निष्पक्ष, तार्किक और आपसी सहमति से समाधान चाहता है। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने कैलाश मानसरोवर यात्रा की पुनर्बहाली का भी स्वागत किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने एससीओ शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रण देने पर राष्ट्रपति शी का आभार जताया और चीन की अध्यक्षता का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि तियानजिन में राष्ट्रपति शी से मुलाकात का उन्हें इंतजार है।

गौरतलब है कि एससीओ एक स्थायी अंतर-सरकारी अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जिसकी स्थापना 15 जून 2001 को शंघाई में हुई थी। इसके सदस्य देश हैं — चीन, रूस, भारत, कज़ाख़िस्तान, किर्गिज़स्तान, ताजिकिस्तान, पाकिस्तान, उज़्बेकिस्तान, ईरान और बेलारूस। संगठन के दो प्रेक्षक देश अफगानिस्तान और मंगोलिया हैं, जबकि 14 संवाद साझेदारों में तुर्की, नेपाल, श्रीलंका, सऊदी अरब, मिस्र, कतर, बहरीन, मालदीव, म्यांमार और संयुक्त अरब अमीरात समेत अन्य शामिल हैं।

 

With inputs from IANS