
तियानजिन- चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रविवार को कहा कि नई दिल्ली और बीजिंग को “मित्र बने रहना चाहिए” और अच्छे पड़ोसी संबंधों को मजबूत करना चाहिए ताकि “ड्रैगन और हाथी साथ मिलकर नृत्य कर सकें” और साझा सफलता हासिल हो।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ तियानजिन में हुई मुलाकात में अपने शुरुआती वक्तव्य में शी जिनपिंग ने कहा कि भारत और चीन ग्लोबल साउथ के महत्वपूर्ण सदस्य हैं।
उन्होंने जोर देकर कहा कि दोनों देशों को अपनी जनता की भलाई और विकासशील देशों की एकजुटता व पुनर्जागरण की जिम्मेदारी उठानी चाहिए।
शी जिनपिंग ने कहा, “आज दुनिया सौ साल में एक बार होने वाले बड़े बदलावों से गुजर रही है। अंतरराष्ट्रीय स्थिति जटिल और अस्थिर है। भारत और चीन, पूर्व की दो प्राचीन सभ्यताएं हैं। हम दुनिया की दो सबसे बड़ी जनसंख्या वाले देश हैं और ग्लोबल साउथ के अहम सदस्य भी। हमारे सामने अपनी जनता की भलाई सुनिश्चित करने, विकासशील देशों की एकजुटता व पुनर्जागरण को बढ़ावा देने और मानव समाज की प्रगति के लिए योगदान देने की ऐतिहासिक जिम्मेदारी है।”
उन्होंने आगे कहा, “दोनों देशों के लिए यही सही विकल्प है कि वे मित्र बनें, अच्छे पड़ोसी और साझेदार बनें, जो एक-दूसरे की सफलता में योगदान दें—और ड्रैगन और हाथी साथ आएं।”
शी जिनपिंग ने कहा कि भारत और चीन को बहुपक्षवाद को बनाए रखने, बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में अधिक लोकतंत्र लाने, और एशिया सहित पूरे विश्व में शांति और समृद्धि के लिए योगदान करने की जिम्मेदारी निभानी होगी।
उन्होंने यह भी याद दिलाया कि 2025 में भारत-चीन राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ होगी, और यह ज़रूरी है कि दोनों देश “रणनीतिक दृष्टिकोण और दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य” से रिश्तों को संभालें ताकि संबंधों का सतत, स्वस्थ और स्थिर विकास सुनिश्चित हो सके।
इससे पहले दिन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि भारत और चीन का सहयोग “सम्पूर्ण मानवता के कल्याण” का मार्ग प्रशस्त करेगा और दोहराया कि नई दिल्ली आपसी विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता के आधार पर रिश्तों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
मोदी ने शी जिनपिंग को एससीओ (शंघाई सहयोग संगठन) की अध्यक्षता संभालने पर बधाई भी दी।
दोनों नेताओं की पिछली मुलाकात 2024 में रूस के कज़ान में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी। हाल ही में दोनों पक्ष 3,500 किमी लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गश्ती प्रोटोकॉल को लेकर सहमत हुए हैं, जिससे चार साल पुराना सीमा तनाव कम हुआ है।
With inputs from IANS