
नई दिल्ली- चीन के बंदरगाह शहर तियानजिन में चल रहे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का प्रदर्शन बेहद शर्मनाक रहा।
2022 के शिखर सम्मेलन में भी शरीफ की फजीहत हुई थी जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान वे हेडफोन से जूझते दिखे थे। इस बार उन्हें तब ट्रोल किया गया जब वे पीछे से अचानक पुतिन के पास पहुंचे और हाथ मिलाने लगे।
पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान को लगा कि उसने बढ़त हासिल कर ली है। पाकिस्तान की सेना के प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने उस समय राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ लंच किया था, जब ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने भारत-पाक संघर्ष को रोका। पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कई झूठे दावे किए और अमेरिका व तुर्की से समर्थन मिलने पर खुद को मजबूत स्थिति में समझा। हालांकि, एससीओ शिखर सम्मेलन की तस्वीर बिल्कुल अलग रही।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में साफ कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में किसी तरह के दोहरे मापदंड नहीं होने चाहिए। उन्होंने सभी देशों से एकजुट होकर आतंकवाद से लड़ने की अपील की।
शरीफ के लिए और शर्मिंदगी तब हुई जब एससीओ ने पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की। घोषणा पत्र में कहा गया:
“सदस्य देशों ने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने मृतकों और घायलों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की। साथ ही यह भी कहा कि ऐसे हमलों के दोषियों, आयोजकों और प्रायोजकों को न्याय के कठघरे में लाया जाना चाहिए।”
सबसे बड़ी चोट शरीफ को तब लगी जब चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत को समर्थन दिया।
रविवार को पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच हुई वार्ता में सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा उठा। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने तियानजिन में प्रेस वार्ता में बताया, “प्रधानमंत्री ने बहुत स्पष्ट रूप से कहा कि आतंकवाद चीन और भारत दोनों के लिए एक अभिशाप है। भारत लंबे समय से इससे जूझ रहा है और उन्होंने इस पर चीन के समर्थन की अपेक्षा जताई।”
भारत लंबे समय से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का शिकार रहा है। वहीं, चीन को भी अब इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है क्योंकि पाकिस्तान में उसके प्रोजेक्ट्स पर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) जैसे आतंकी संगठनों ने लगातार हमले किए हैं। चीन कई बार पाकिस्तान को चेतावनी दे चुका है कि इन तत्वों पर लगाम लगाकर उसके प्रोजेक्ट्स और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
पहलगाम हमले की जांच में भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पाकिस्तान की भूमिका के पुख्ता सबूत जुटाए हैं। एससीओ का घोषणा पत्र, जिसमें हमलावरों को न्याय दिलाने की बात कही गई है, पाकिस्तान के इनकार पर सीधा तमाचा है।
पीएम मोदी ने सम्मेलन में कहा कि भारत पिछले चार दशकों से आतंकवाद का भार उठा रहा है। हाल ही में पहलगाम हमले ने आतंकवाद का सबसे भयानक चेहरा दिखाया। इस हमले की निंदा और कड़े बयान शरीफ और तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन की मौजूदगी में दिए गए।
गौरतलब है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पहलगाम हमले का बदला लेते हुए पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में कई आतंकी लॉन्चपैड, प्रशिक्षण शिविर और मुख्यालय ध्वस्त किए थे। उस समय तुर्की पाकिस्तान का सबसे मुखर समर्थक था।
With inputs from IANS