बड़ी भूल: अमेरिका के शीर्ष विशेषज्ञ ने ट्रंप की भारत नीति की आलोचना कीBy Admin Tue, 02 September 2025 06:16 AM

वॉशिंगटन- अमेरिका के जाने-माने अंतरराष्ट्रीय संबंध विशेषज्ञ और यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर जॉन मीरशाइमर ने ट्रंप प्रशासन की भारत नीति को “बड़ी भूल” करार दिया है। उन्होंने कहा कि रूस से तेल खरीदने पर भारत पर लगाए गए सेकेंडरी टैरिफ “काम नहीं करेंगे।”

मीरशाइमर ने पॉडकास्ट प्लेटफ़ॉर्म “डैनियल डेविस डीप डाइव” से बातचीत में कहा,
“यह हमारी तरफ से बहुत बड़ी भूल है। यकीन करना मुश्किल है कि यहां क्या हो रहा है। भारत पर सेकेंडरी सैंक्शन काम नहीं करेंगे। भारतीयों ने साफ कर दिया है कि वे रूस से तेल आयात बंद नहीं करेंगे। भारत झुकने वाला नहीं है।”

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ट्रंप ने अमेरिका-भारत के बीच “बेहतरीन संबंधों” को “जहरीला” बना दिया है।

उन्होंने कहा, “जब इस साल जनवरी में ट्रंप ने व्हाइट हाउस में कदम रखा, तब अमेरिका और भारत के रिश्ते काफी अच्छे थे। चीन को नियंत्रित करने के लिहाज से भारत के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना बेहद ज़रूरी है। लेकिन सेकेंडरी सैंक्शंस के बाद से हमने भारत के साथ अपने रिश्तों को खराब कर लिया है।”

मीरशाइमर ने एक जर्मन अखबार की रिपोर्ट का हवाला भी दिया, जिसमें दावा किया गया था कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चार बार संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली।

उन्होंने कहा, “भारतीय हमसे बेहद नाराज़ हैं। ट्रंप ने मोदी को चार बार कॉल करने की कोशिश की, लेकिन मोदी ने उनसे बात करने से इनकार कर दिया। इसके अलावा, मोदी चीन और रूस के और करीब जा रहे हैं। यह रणनीति न केवल बेकार है, बल्कि उलटा असर डाल रही है।”

मीरशाइमर ने व्हाइट हाउस के ट्रेड और मैन्युफैक्चरिंग मामलों के सीनियर एडवाइज़र पीटर नवारो पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी अगुवाई में बनी रणनीति नाकाम रही है और इसका “कोई सुखद अंत” नहीं होगा।

उन्होंने कहा, “सिर्फ पीटर नवारो जैसे लोग ही इस कदम की तारीफ कर रहे हैं। मुझे समझ नहीं आता कि आखिर इसमें अच्छा अंत कैसे हो सकता है। क्या वे यह तर्क देंगे कि भारत झुक जाएगा, कि हमारे पास इतना दबाव है कि हम भारत को घुटनों पर ला सकते हैं? मुझे नहीं लगता कि कोई भी इस पर यकीन करता है। भारत ने अब तक जो कुछ किया है, वह इस तर्क को पूरी तरह गलत साबित करता है।”

 

With inputs from IANS