
वॉशिंगटन- रूस-यूक्रेन संघर्ष पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने रुख में बड़ा बदलाव दिखाते हुए कहा है कि यूक्रेन “अपनी मूल सीमाओं में वापस जाकर यह जंग जीतने की स्थिति में है।”
ट्रंप ने मंगलवार को ट्रुथ सोशल पर पोस्ट किया कि यूरोपीय संघ के सहयोग से कीव अपने कब्ज़े वाली ज़मीन वापस हासिल कर सकता है। उन्होंने लिखा, “रूस-यूक्रेन की सैन्य और आर्थिक स्थिति को समझने के बाद और रूस की बिगड़ती अर्थव्यवस्था को देखकर, मेरा मानना है कि यूक्रेन यूरोपीय संघ और खासकर नाटो के सहयोग से अपनी मूल सीमाओं तक ज़मीन वापस लेने की स्थिति में है। इसमें समय, धैर्य और यूरोप की आर्थिक मदद लगेगी, लेकिन यह संभव है। क्यों नहीं?”
उन्होंने दावा किया कि रूस “बिना दिशा के” लड़ रहा है और यह जंग उन्हें “पेपर टाइगर” जैसा दिखा रही है।
“साढ़े तीन साल से रूस यह जंग लड़ रहा है, जिसे कोई असली सैन्य ताकत एक हफ्ते से कम में जीत लेती। यह रूस को गौरवान्वित नहीं कर रहा, बल्कि उन्हें और भी कमजोर दिखा रहा है,” ट्रंप ने कहा।
ट्रंप ने यूक्रेन की “महान भावना” की सराहना करते हुए कहा कि “यूक्रेन अपने देश को मूल स्वरूप में वापस ले सकता है और शायद उससे भी आगे जा सकता है।”
हालांकि, उन्होंने संकेत दिया कि अमेरिका इस संघर्ष से दूरी बनाएगा और पोस्ट का अंत “गुड लक टू ऑल” कहकर किया।
उन्होंने लिखा, “पुतिन और रूस बड़ी आर्थिक मुश्किल में हैं और यही समय है जब यूक्रेन को कदम उठाना चाहिए। हम नाटो को हथियार उपलब्ध कराते रहेंगे और वे उनका जैसा चाहें इस्तेमाल करेंगे। गुड लक टू ऑल।”
न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात में ट्रंप ने रूस के विमानों पर कड़ी प्रतिक्रिया की वकालत की। नाटो हवाई क्षेत्र में रूसी विमानों को गिराने के सवाल पर उन्होंने कहा, “हां, बिल्कुल।”
ट्रंप ने यूक्रेन की लड़ाई की सराहना करते हुए कहा कि अमेरिका को उनके संघर्ष पर “बहुत सम्मान” है।
अपने यूएन भाषण में ट्रंप ने यूरोपीय देशों और नाटो पर आरोप लगाया कि वे रूसी ऊर्जा खरीदकर “खुद के खिलाफ युद्ध को फंड कर रहे हैं।” उन्होंने कहा, “नाटो देश अभी तक रूसी ऊर्जा और उसके उत्पादों पर रोक नहीं लगा पाए हैं। वे अपने ही खिलाफ जंग को फंड कर रहे हैं। ऐसा कौन करता है?”
ट्रंप ने दोहराया कि अमेरिका रूस पर कड़े नए प्रतिबंध लगाने को तैयार है, लेकिन केवल तभी जब यूरोपीय देश भी इसमें शामिल हों। उन्होंने कहा, “अगर रूस युद्ध खत्म करने के लिए तैयार नहीं होता, तो अमेरिका बेहद मजबूत टैरिफ लगाएगा जो खून-खराबा रोक देंगे। लेकिन इन टैरिफ का असर तभी होगा जब यूरोप भी हमारे साथ उन्हीं उपायों को अपनाए।”
गौरतलब है कि ट्रंप एक महीने पहले अलास्का में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात कर चुके हैं और अब तक संघर्ष खत्म करने में प्रगति न होने से निराश बताए जा रहे हैं।
With inputs from IANS