
लंदन। विश्व नेताओं ने शनिवार को हमास द्वारा सभी बंधकों को रिहा करने और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शांति योजना के आधार पर वार्ता करने की सहमति का स्वागत किया।
यह कदम मध्य पूर्व में बड़े घटनाक्रम के बाद सामने आया है, जहां हमास ने गाज़ा में कैद सभी बंधकों को रिहा करने पर सहमति व्यक्त की है। यह निर्णय ट्रंप द्वारा इस सप्ताह की शुरुआत में पेश की गई 20-सूत्रीय शांति योजना की सफलता माना जा रहा है।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कियर स्टारमर ने हमास की सहमति को “एक बड़ा सकारात्मक कदम” करार दिया।
उन्होंने कहा,
“हम राष्ट्रपति ट्रंप के प्रयासों का दृढ़ता से समर्थन करते हैं, जिन्होंने हमें पहले से कहीं ज्यादा शांति के करीब ला दिया है। अब लड़ाई खत्म करने, बंधकों की वापसी और ज़रूरतमंदों तक मानवीय सहायता पहुंचाने का अवसर है। हम सभी पक्षों से अपील करते हैं कि इस समझौते को बिना देरी लागू करें। ब्रिटेन अपने साझेदारों के साथ आगे की वार्ताओं का समर्थन करने और स्थायी शांति की दिशा में काम करने को तैयार है।”
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने सोशल मीडिया पर लिखा,
“सभी बंधकों की रिहाई और गाज़ा में युद्धविराम अब हाथ की पहुंच में है। हमास की प्रतिबद्धता पर तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए। हमारे पास निर्णायक प्रगति का अवसर है और फ्रांस इसमें अपनी पूरी भूमिका निभाएगा, चाहे वह संयुक्त राष्ट्र के स्तर पर हो या अमेरिका, इज़राइल, फिलिस्तीन और अन्य अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ।”
ऑस्ट्रेलिया ने भी ट्रंप की शांति योजना का स्वागत किया।
प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज़ ने बयान जारी कर कहा,
“हम लगातार युद्धविराम, बंधकों की रिहाई और जरूरतमंदों तक मानवीय सहायता पहुंचाने की अपील करते रहे हैं। मैं हमास से फिर अपील करता हूं कि योजना पर सहमति दे, हथियार डाले और सभी शेष बंधकों को तुरंत रिहा करे। ऑस्ट्रेलिया युद्ध समाप्त करने और न्यायपूर्ण एवं स्थायी दो-राज्य समाधान की दिशा में प्रयासों का समर्थन जारी रखेगा।”
वहीं, न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लकसन ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा कि हमास की यह घोषणा “बेहद स्वागतयोग्य कदम” है।
उन्होंने लिखा,
“अब सभी प्रयास इस अवसर को साकार करने पर केंद्रित होने चाहिए। प्राथमिकता बनी रहनी चाहिए – बंधकों की वापसी, लड़ाई का अंत और गाज़ा में मानवीय सहायता की अबाधित पहुंच। पूरी अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के साथ, न्यूजीलैंडवासी इस आशा को गले लगाते हैं कि भविष्य में इज़राइली और फिलिस्तीनी शांति और सुरक्षा के साथ साथ रह सकेंगे।”
With inputs from IANS