तालिबान शासन का दावा: जवाबी कार्रवाई में 58 पाकिस्तानी सैनिक ढेरBy Admin Sun, 12 October 2025 11:21 AM

काबुल — अफगान तालिबान शासन के मुख्य प्रवक्ता ज़बीहुल्ला मुजाहिद ने रविवार को दावा किया कि अफगान बलों द्वारा की गई जवाबी कार्रवाई में 58 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और 30 अन्य घायल हुए। यह कार्रवाई शनिवार रात दुरंड रेखा के साथ हुई थी।

मुजाहिद ने कहा कि इस ऑपरेशन में पाकिस्तान की 20 सुरक्षा चौकियां नष्ट कर दी गईं और कई हथियार जब्त किए गए। उन्होंने बताया, “इस कार्रवाई में हमारे 9 अफगान सैनिक शहीद हुए और 16 घायल हुए, जबकि पाकिस्तान की 20 चौकियां तबाह कर दी गईं।”

तालिबान प्रवक्ता के अनुसार, यह सैन्य अभियान रविवार आधी रात को सऊदी अरब और क़तर के अनुरोध पर रोका गया।

मुजाहिद ने आगे दावा किया कि अफगानिस्तान में आईएसआईएस-के (ISIS-K) के समाप्त होने के बाद, इस आतंकी संगठन ने पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में अपने ठिकाने बनाना शुरू कर दिए हैं।

उन्होंने कहा, “खैबर पख्तूनख्वा में आईएसआईएस-के के प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए गए हैं, और वहां कराची व इस्लामाबाद हवाई अड्डों के माध्यम से प्रशिक्षुओं को लाया जा रहा है। हमारे अनुसार, ईरान और मॉस्को में हुए हालिया हमले इन्हीं केंद्रों से संचालित किए गए।”

मुजाहिद ने यह भी कहा कि हाल ही में अफगानिस्तान में हुए आईएसआईएस-के हमलों की योजना भी इन्हीं पाकिस्तानी ठिकानों से बनाई गई थी। उन्होंने पाकिस्तान सरकार से प्रमुख आईएसआईएस-के सदस्यों को काबुल को सौंपने की मांग की।

तालिबान प्रवक्ता ने यह भी बताया कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में एक प्रतिनिधिमंडल भेजने का अनुरोध किया था, लेकिन तालिबान शासन ने इसे 9 अक्टूबर (गुरुवार रात) को हुए पाकिस्तानी हवाई हमलों के बाद अस्वीकार कर दिया।

इन हमलों के जवाब में अफगान बलों ने शनिवार को दुरंड रेखा के साथ पाकिस्तानी सैनिकों के खिलाफ सैन्य अभियान चलाया। मुजाहिद ने चेतावनी दी कि “अफगानिस्तान की संप्रभुता का कोई भी उल्लंघन बिना जवाब के नहीं छोड़ा जाएगा।”

काबुल और पक्तिका प्रांतों पर पाकिस्तान के हवाई हमलों के बाद, तालिबान के नेतृत्व वाले रक्षा मंत्रालय ने इन हमलों की निंदा करते हुए उन्हें “अफगानिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन” बताया।

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता इनायतुल्ला ख्वारज़मी ने कहा, “यह अफगानिस्तान और पाकिस्तान के इतिहास में एक अभूतपूर्व, हिंसक और घृणित कार्य है। हम अफगान क्षेत्र पर इस आक्रामकता की कड़ी निंदा करते हैं। अपनी संप्रभुता की रक्षा करना हमारा अधिकार है।”

इस बीच, भारत यात्रा पर मौजूद अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने पाकिस्तान को उसकी कार्रवाई के लिए सख्त चेतावनी दी।

उन्होंने कहा, “हम पाकिस्तान की इन हरकतों को एक बड़ी गलती मानते हैं। ऐसे मसले बल प्रयोग से हल नहीं किए जा सकते। इतिहास गवाह है कि अफगानिस्तान में दबाव और हिंसा कभी सफल नहीं हुई। हमने संवाद और समझ के दरवाज़े खुले रखे हैं — लेकिन यह गलती दोहराई नहीं जानी चाहिए। अफ़गानों के सब्र का इम्तिहान मत लो; अगर लेना ही है तो ब्रिटिश, रूसी, अमेरिकी और नाटो सेनाओं से पूछो कि अफगानिस्तान से टकराने का अंजाम क्या होता है।”

 

With inputs from IANS