
कुआलालंपुर — भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया।
यह बैठक ऐसे समय हुई है जब दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते पर बातचीत जारी है।
जयशंकर ने अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर लिखा,
“आज सुबह कुआलालंपुर में @SecRubio से मुलाकात कर खुशी हुई। द्विपक्षीय संबंधों, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर हुई चर्चा की मैं सराहना करता हूं।”
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में कहा था, “हम अमेरिका के साथ संवाद में हैं। हमारी टीमें सक्रिय रूप से जुड़ी हुई हैं। हाल ही में हमारे वाणिज्य सचिव ने अमेरिका का दौरा किया और अपने समकक्षों से मुलाकात की। हम एक निष्पक्ष और संतुलित समझौते की दिशा में सकारात्मक रूप से आगे बढ़ रहे हैं।”
इससे पहले, रुबियो ने यह स्पष्ट किया था कि वाशिंगटन और पाकिस्तान के बीच बढ़ते रणनीतिक संबंधों का उद्देश्य भारत को दरकिनार करना नहीं है। उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत के बीच संबंध “गहरे, ऐतिहासिक और अत्यंत महत्वपूर्ण” हैं, और इस पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा।
दोहा (कतर) के रास्ते पत्रकारों से बातचीत में रुबियो ने कहा,
“हम पाकिस्तान के साथ जो भी कर रहे हैं, वह भारत के साथ हमारे गहरे और ऐतिहासिक रिश्तों की कीमत पर नहीं है। नई दिल्ली यह भली-भांति समझता है कि परिपक्व कूटनीति में कई देशों से संवाद आवश्यक होता है।”
इस बीच, भारत और आसियान (ASEAN) देशों ने रविवार को कुआलालंपुर में हुए 22वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन के दौरान अपने रिश्तों को और मजबूत किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से इसमें हिस्सा लिया — यह उनका 12वां आसियान-भारत शिखर सम्मेलन था।
प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद-निरोध, आसियान-भारत मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की शीघ्र समीक्षा, समुद्री सुरक्षा और अन्य सहयोग क्षेत्रों पर बल दिया।
विदेश मंत्रालय (MEA) की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आतंकवाद वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती है और इसके खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करना समय की आवश्यकता है।
With inputs from IANS