
नई दिल्ली/मॉस्को — भारत और रूस ने बुधवार को नई दिल्ली में सैन्य एवं सैन्य-तकनीकी सहयोग पर अंतर-सरकारी आयोग (Inter-Governmental Commission on Military and Military Technical Cooperation) की पांचवीं कार्यसमूह बैठक (Working Group Meeting on Military Cooperation) आयोजित की, जिसमें दोनों देशों के बीच जारी रक्षा सहयोग को और मजबूत बनाने तथा मौजूदा द्विपक्षीय तंत्र के तहत नए पहलुओं पर चर्चा की गई।
राजधानी के मानेकशॉ सेंटर में आयोजित इस बैठक की सह-अध्यक्षता भारत की ओर से चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ एयर मार्शल अशुतोष दीक्षित ने की, जबकि रूसी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रूस की सशस्त्र सेनाओं के जनरल स्टाफ निदेशालय के डिप्टी चीफ ऑफ मेन ऑपरेशंस लेफ्टिनेंट जनरल डाइलेव्स्की इगोर निकोलायेविच ने किया।
बैठक में मौजूदा रक्षा सहयोग योजनाओं की समीक्षा की गई और सहयोग तथा ज्ञान-साझाकरण (knowledge-sharing) के नए अवसरों की पहचान पर भी चर्चा हुई।
दोनों पक्षों ने भारत-रूस रक्षा सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई, ताकि केंद्रित साझेदारी, प्रशिक्षण आदान-प्रदान और विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी (Special and Privileged Strategic Partnership) के तहत नई पहलों का मार्ग प्रशस्त किया जा सके।
यह कार्यसमूह मंच भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग को निरंतर बढ़ाने के लिए बनाया गया है, जिसके तहत भारत के मुख्यालय इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ और रूस के रक्षा मंत्रालय के मुख्य अंतरराष्ट्रीय सैन्य सहयोग निदेशालय के बीच नियमित संवाद होता है।
इससे पहले इस महीने की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से टेलीफोन पर बातचीत की थी। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय एजेंडे की प्रगति की समीक्षा की और भारत-रूस की विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने की प्रतिबद्धता दोहराई।
टेलीफोन वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को उनके 73वें जन्मदिन पर बधाई दी और उनके अच्छे स्वास्थ्य व निरंतर सफलता की कामना की। प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि वे दिसंबर में भारत में होने वाले 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत करने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने 8-9 जुलाई 2024 को मॉस्को में आयोजित 22वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन में भाग लिया था। इस बैठक के बाद “भारत-रूस: स्थायी और विस्तारित साझेदारी” (India-Russia: Enduring and Expanding Partnership) शीर्षक से एक संयुक्त बयान जारी किया गया था।
इसके अलावा, दोनों नेता सितंबर 2024 में तियानजिन में हुए शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान भी मिले थे, जहां उन्होंने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों — जिनमें यूक्रेन से जुड़े हालिया घटनाक्रम भी शामिल थे — पर चर्चा की थी, और द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी को और सुदृढ़ करने का संकल्प दोहराया था।
With inputs from IANS