हेगसेथ बोले – परमाणु परीक्षण फिर शुरू करने से ‘परमाणु संघर्ष की संभावना कम होगी’By Admin Fri, 31 October 2025 01:38 PM

कुआलालंपुर — अमेरिका के रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने शुक्रवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के परमाणु हथियार परीक्षण दोबारा शुरू करने के अप्रत्याशित निर्देश का बचाव करते हुए कहा कि परीक्षणों की पुनर्बहाली से परमाणु संघर्ष की संभावना “कम” होगी।

हेगसेथ ने यह टिप्पणी आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक (ADMM-Plus) के दौरान मीडिया से बातचीत में की, यह बयान उस घोषणा के एक दिन बाद आया जब ट्रंप ने अमेरिकी परमाणु परीक्षण फिर शुरू करने का निर्देश दिया था।

रक्षा मंत्री ने कहा,
“हम ऊर्जा विभाग के साथ मिलकर काम करेंगे, लेकिन राष्ट्रपति ने स्पष्ट कर दिया है कि हमें एक विश्वसनीय परमाणु प्रतिरोधक क्षमता की आवश्यकता है। यही हमारे प्रतिरोध की नींव है, और परीक्षणों की समझ और पुनः शुरुआत एक बेहद जिम्मेदार कदम है।”

उन्होंने आगे कहा,
“अगर आप जानते हैं कि आपके पास क्या है और यह सुनिश्चित करते हैं कि वह ठीक तरह से काम कर रहा है, तो परमाणु संघर्ष की संभावना कम होती है। इसलिए यह एक सही निर्देश है।”

हेगसेथ ने कहा कि इन परीक्षणों के माध्यम से अमेरिका यह सुनिश्चित करेगा कि उसके पास “सबसे मजबूत और सक्षम परमाणु शस्त्रागार” हो, जिससे वह “शक्ति के माध्यम से शांति” बनाए रख सके।

उन्होंने जोड़ा,
“हम चीन या किसी अन्य देश से संघर्ष नहीं चाहते, लेकिन जितने हम मजबूत होंगे, हमारी साझेदारियां और गठबंधन भी उतने ही मजबूत होंगे। यही कारण है कि मैं मानता हूं कि इस तरह संघर्ष की संभावना कम हो जाती है।”

इस सप्ताह ट्रंप ने सोशल मीडिया पर घोषणा की थी कि उन्होंने 33 साल बाद अमेरिकी परमाणु हथियार परीक्षण फिर शुरू करने के आदेश दिए हैं, ताकि यह चीन और रूस के समान स्तर पर किया जा सके। उनके इस निर्देश ने एक नए परमाणु हथियारों की दौड़ की आशंका को जन्म दिया है।

दक्षिण कोरिया में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात से कुछ घंटे पहले ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल पोस्ट में लिखा था,
“अन्य देशों के परीक्षण कार्यक्रमों के कारण मैंने रक्षा विभाग (Department of War) को निर्देश दिया है कि वे हमारे परमाणु हथियारों का समान स्तर पर परीक्षण शुरू करें। यह प्रक्रिया तुरंत शुरू होगी।”

ट्रंप ने कहा कि अमेरिका के पास किसी भी अन्य देश की तुलना में अधिक परमाणु हथियार हैं — यह उनके पहले कार्यकाल के दौरान मौजूदा हथियारों के “पूर्ण आधुनिकीकरण और नवीनीकरण” का परिणाम है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह सब बिना किसी परमाणु परीक्षण के हासिल किया गया था, क्योंकि अब वैज्ञानिक कंप्यूटर सिमुलेशन के जरिए वही परिणाम प्राप्त कर सकते हैं।

उन्होंने लिखा,
“मुझे यह पसंद नहीं है, लेकिन मेरे पास कोई विकल्प नहीं है। मुझे हमारे परमाणु शस्त्रागार का विस्तार करना ही होगा, क्योंकि रूस दूसरे स्थान पर है और चीन अभी भले ही दूर हो, लेकिन अगले पांच वर्षों में बराबरी पर आ जाएगा।”

गौरतलब है कि उत्तर कोरिया ने हाल के वर्षों में आखिरी परमाणु परीक्षण 2017 में किया था। अमेरिका का अंतिम परमाणु परीक्षण 1992 में, चीन का 1996 में और रूस (सोवियत संघ) का 1990 में हुआ था।

नाटो सहयोगी फ्रांस ने अपना अंतिम परीक्षण 1996 में और ब्रिटेन ने 1991 में (अमेरिकी नेवादा सुविधा पर) किया था।
जबकि भारत और पाकिस्तान दोनों ने अपने अंतिम परमाणु परीक्षण 1998 में किए थे।

 

With inputs from IANS