दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली और चीन के राष्ट्रपति शी के बीच शिखर वार्ता आज, कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणु निरस्त्रीकरण पर होगी चर्चाBy Admin Sat, 01 November 2025 06:27 AM

ग्योंगजू (दक्षिण कोरिया) — दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे म्युंग और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग शनिवार को अपनी पहली शिखर वार्ता करेंगे। सियोल ने पुष्टि की है कि इस वार्ता के एजेंडे में कोरियाई प्रायद्वीप का परमाणु निरस्त्रीकरण, क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और आर्थिक सहयोग जैसे मुद्दे शामिल होंगे।

दोनों नेताओं की यह मुलाकात एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) सम्मेलन के इतर दक्षिण-पूर्वी शहर ग्योंगजू में होगी। यह शी जिनपिंग की 11 वर्षों में दक्षिण कोरिया की पहली यात्रा होगी।

यह वार्ता ऐसे समय में हो रही है जब सियोल अपने सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार चीन के साथ संबंधों को मज़बूत करने की कोशिश कर रहा है, जबकि साथ ही वह अमेरिका के साथ अपने रणनीतिक तालमेल को भी बनाए रखना चाहता है।

दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति कार्यालय की प्रवक्ता कांग यू-जुंग ने शुक्रवार को बताया कि,

“वार्ता के एजेंडे में कोरियाई प्रायद्वीप का परमाणु निरस्त्रीकरण, क्षेत्रीय शांति और स्थिरता, तथा आम लोगों के जीवन से जुड़े आर्थिक मुद्दे शामिल होंगे।”

ली जे म्युंग की “व्यावहारिक कूटनीति” (Pragmatic Diplomacy) नीति के तहत सियोल बीजिंग के साथ संतुलित और दूरदर्शी संबंधों की दिशा में आगे बढ़ना चाहता है। उन्होंने चीन को न केवल एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय साझेदार बताया है, बल्कि कोरियाई प्रायद्वीप की शांति और स्थिरता में अहम भूमिका निभाने वाला देश भी माना है, जैसा कि योनहाप समाचार एजेंसी ने रिपोर्ट किया।

उम्मीद है कि ली इस वार्ता में चीन से उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच शांति प्रयासों को आगे बढ़ाने तथा 2019 से ठप पड़े परमाणु निरस्त्रीकरण वार्तालापों को फिर से शुरू कराने में सहयोग करने का अनुरोध करेंगे।

अब तक उत्तर कोरिया (प्योंगयांग) ने ली के संवाद प्रस्तावों को ठुकरा दिया है और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस समय के संवाद प्रस्तावों का भी कोई जवाब नहीं दिया था, जब उन्होंने दक्षिण कोरिया की यात्रा की थी।

इस बैठक में आर्थिक सहयोग पर भी विस्तार से चर्चा होने की संभावना है।

बीते महीने बीजिंग ने अमेरिकी जांच एजेंसियों के साथ सहयोग करने के आरोप में हंव्हा ओशन की पांच अमेरिकी सहायक कंपनियों पर प्रतिशोधी कार्रवाई की थी। इससे सियोल में चिंता बढ़ी है, क्योंकि ये कंपनियां अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच हुए एक जहाज निर्माण समझौते के तहत अमेरिकी शिपबिल्डिंग सेक्टर को पुनर्जीवित करने में अहम भूमिका निभा रही हैं।

शनिवार की यह वार्ता, ली जे म्युंग की बुधवार को हुई ट्रंप के साथ बैठक के बाद हो रही है, जिसमें दोनों पक्षों ने अमेरिकी टैरिफ में कमी से जुड़ा एक व्यापार समझौता किया था और अमेरिका ने दक्षिण कोरिया की परमाणु-संचालित पनडुब्बी परियोजना के लिए न्यूक्लियर फ्यूल उपयोग की अनुमति दी थी।

 

With inputs from IANS