
वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का व्हाइट हाउस में स्वागत किया, जहां दोनों देशों ने परमाणु ऊर्जा, रक्षा, महत्वपूर्ण खनिज और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर कई बड़े समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
व्हाइट हाउस के अनुसार, दोनों पक्षों ने सिविल न्यूक्लियर एनर्जी, क्रिटिकल मिनरल्स फ्रेमवर्क और एआई पर एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए।
इसके अलावा, दोनों नेताओं ने एक अमेरिका-सऊदी सामरिक रक्षा समझौते (SDA) पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत ट्रंप ने सऊदी अरब को F-35 लड़ाकू विमान और टैंक बेचने की मंजूरी भी दे दी।
लगभग सात साल बाद क्राउन प्रिंस की व्हाइट हाउस यात्रा को पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ आयोजित किया गया, जिसमें मिलिट्री गार्ड और अमेरिकी विमानों की फ्लाईपास्ट शामिल रही।
ट्रंप ने स्वागत करते हुए प्रिंस मोहम्मद को “बेहद सम्मानित” व्यक्तित्व बताया और दोनों के बीच लंबे समय से चली आ रही व्यक्तिगत समझ का उल्लेख किया।
अपने संबोधन में प्रिंस मोहम्मद ने बताया कि सऊदी अरब अमेरिका में अपने निवेश को अनुमानित 600 अरब डॉलर से बढ़ाकर लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने की योजना बना रहा है। उन्होंने इसे अमेरिका के विकास में उनकी रणनीतिक भागीदारी बताया, खासकर कंप्यूटिंग पावर और उन्नत चिप्स की बढ़ती मांग के संदर्भ में।
उन्होंने कहा, “हम अमेरिका के भविष्य में विश्वास करते हैं,” और अवसरों को “वास्तविक” तथा व्यावसायिक हितों से प्रेरित बताया। इस पर ट्रंप ने उत्तर दिया कि अमेरिका इस समर्थन की “बहुत प्रशंसा करता है।”
2018 में पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या पर पूछे गए प्रश्नों के जवाब में ट्रंप ने दोहराया कि क्राउन प्रिंस की इस घटना में कोई भूमिका नहीं थी। प्रिंस मोहम्मद ने इस हत्या को सऊदी अरब के लिए “दर्दनाक” और “बड़ी भूल” बताया और कहा कि उनकी सरकार ने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए हैं।
क्षेत्रीय कूटनीति पर बोलते हुए प्रिंस मोहम्मद ने पुष्टि की कि सऊदी अरब अब्राहम समझौते में शामिल होने और इज़रायल के साथ औपचारिक संबंध स्थापित करने में रुचि रखता है। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि रियाद को आगे बढ़ने से पहले “दो-राज्य समाधान की स्पष्ट राह” चाहिए।
बुधवार को दोनों नेता वॉशिंगटन में आयोजित अमेरिका-सऊदी निवेश मंच में हिस्सा लेंगे।
With inputs from IANS