
कोलंबो--चक्रवात ‘दित्वाह’ के कारण श्रीलंका में उत्पन्न भीषण मौसम की स्थिति में मरने वालों की संख्या बढ़कर 153 हो गई है, जबकि कम से कम 191 लोग अब भी लापता हैं। स्थानीय मीडिया ने आपदा प्रबंधन केंद्र (DMC) के हवाले से यह जानकारी दी।
डेली मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, देश के कई जिलों में भारी वर्षा, बढ़ते बाढ़ के पानी और लगातार भूस्खलन ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है।
नवीनतम आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 25 जिलों के 2,17,263 परिवारों के 7,74,724 लोग प्रभावित हुए हैं। कई इलाकों में भारी बारिश और भूस्खलन से स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है।
DMC ने बताया कि 27,494 परिवारों के 1,00,898 लोग वर्तमान में देशभर में स्थापित 798 राहत शिविरों में ठहरे हुए हैं, जहां प्रशासन प्रभावितों को सहायता प्रदान करने और सुरक्षित रखने में जुटा है। कुछ badly-hit क्षेत्रों में संचार बाधाओं के कारण राहत और बचाव कार्यों में मुश्किलें आ रही हैं।
राष्ट्रपति मीडिया विभाग ने कहा कि देश की दूरसंचार कंपनियों ने नेटवर्क जाम को कम करने और आपातकालीन प्रतिक्रिया को मजबूत करने के लिए इमरजेंसी कॉल को प्राथमिकता देने पर सहमति जताई है। मौसम विभाग के अनुसार, रविवार से हालात में सुधार की संभावना है।
इस बीच, भारतीय राहत दल श्रीलंका की एयर फोर्स, नौसेना, सेना, पुलिस और स्थानीय रेस्क्यू टीमों के साथ मिलकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सहायता कार्य कर रहे हैं।
देशभर में निकासी, राहत सामग्री वितरण और आपातकालीन सहायता जारी है।
भारतीय नौसेना के दो हेलीकॉप्टरों ने पन्नाला में बढ़ते बाढ़ के पानी में फंसे आठ लोगों को बचाया। श्रीलंका के लिए भारत ने राहत समर्थन बढ़ाया है। अधिकारियों के अनुसार, चार भारतीय हेलीकॉप्टर देशभर में रेस्क्यू मिशन में लगे हैं, जिनमें से दो INS विक्रांत से संचालित हो रहे हैं।
हेलीकॉप्टरों ने पन्नाला क्षेत्र में कई उड़ानें भरकर उन घरों तक पहुंच बनाई, जहां जलस्तर तेजी से बढ़ने के कारण पहुंचना असंभव हो गया था।
बचाए गए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाकर स्थानीय प्रशासन के हवाले किया गया।
With inputs from IANS