चक्रवात ‘दित्वाह’: श्रीलंका में मौत का आंकड़ा 334 पहुंचाBy Admin Mon, 01 December 2025 06:14 AM

कोलंबो: चक्रवात ‘दित्वाह’ ने श्रीलंका में भारी तबाही मचाई है। स्थानीय मीडिया के अनुसार, अब तक 334 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 370 लोग अभी भी लापता हैं। यह जानकारी देश के आपदा प्रबंधन केंद्र (DMC) के हवाले से दी गई।

सबसे अधिक प्रभावित जिला कैंडी है, जहां 88 मौतें और 150 लोग लापता हैं। बडुला में 71 लोगों की मौत हुई, नुवारा एलिया में 68 और मथाले में 23 लोगों की जान गई।
डेली मिरर के अनुसार, इस आपदा से **3,09,607 परिवारों के 11,18,929 लोग प्रभावित हुए हैं।

कई बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों में संचार बाधाओं के कारण राहत और समन्वय कार्यों में कठिनाई आ रही है।

राष्ट्रपति मीडिया प्रभाग ने कहा कि श्रीलंका की टेलीकॉम कंपनियों ने नेटवर्क भीड़ को कम करने तथा राहत कार्यों को सुचारू बनाने के लिए आपातकालीन कॉलों को प्राथमिकता देने पर सहमति जताई है।

इस बीच, भारतीय बचाव दल श्रीलंका की वायुसेना, नौसेना, सेना, पुलिस और स्थानीय बचावकर्मियों के साथ मिलकर बाढ़ प्रभावित इलाकों में सहायता कार्य कर रहे हैं।
पूरे द्वीप में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने, राहत सामग्री पहुंचाने और आपातकालीन मदद के प्रयास जारी हैं।

राष्ट्रपति अनुरा कुमार डिसानायके ने रविवार को देश को संबोधित करते हुए कहा कि यह श्रीलंका के इतिहास की सबसे भीषण प्राकृतिक आपदा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि प्रभावित लोगों को पुनर्वास के लिए सरकार पूरी सहायता देगी।

उन्होंने कहा कि आपदा के समय सरकार की तीन प्रमुख जिम्मेदारियां होती हैं—

  1. तत्काल आपात स्थिति का प्रबंधन

  2. सामान्य स्थिति बहाल करना

  3. देश का पुनर्निर्माण पहले से अधिक मज़बूती के साथ

उन्होंने कहा कि लागू किया गया सार्वजनिक आपातकाल केवल आपदा प्रबंधन तक सीमित है और नागरिक स्वतंत्रताओं पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा। सरकार प्रभावित क्षेत्रों में पानी, बिजली और संचार नेटवर्क जैसी आवश्यक सेवाएँ शीघ्र बहाल करने के लिए काम कर रही है।

राष्ट्रपति ने कहा कि सभी विस्थापित परिवारों को सरकारी सहायता मिलेगी और किसी को भी बिना मदद के नहीं छोड़ा जाएगा।

उन्होंने सेना, नौसेना और वायुसेना द्वारा रात-दिन चलाए जा रहे राहत और बचाव अभियानों की सराहना की।

डिसानायके ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय, प्रवासी श्रीलंकाई और सभी राजनीतिक दलों से इस कठिन समय में एकजुट होकर देश के पुनर्निर्माण में सहयोग करने की अपील की।

 

With inputs from IANS