वॉशिंगटन — अमेरिका के एक वरिष्ठ राजनयिक ने भारत के साथ व्यापार समझौते पर चल रही बातचीत के बीच "न्यायपूर्ण और पारस्परिक बाजार पहुंच" की आवश्यकता पर जोर दिया है।
अमेरिकी उप विदेश सचिव क्रिस्टोफर लैंडाउ ने बुधवार को भारत के विदेश सचिव विक्रम मिश्री से मुलाकात की और इस दौरान अवैध प्रवासियों और नशीली दवाओं के खिलाफ सहयोग के मुद्दे भी उठाए।
विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस के अनुसार, उप सचिव लैंडाउ ने कहा कि दोनों देशों में आर्थिक विकास और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए पारस्परिक और न्यायसंगत बाजार पहुंच बेहद अहम है।
यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब अमेरिका और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौता लगभग अंतिम चरण में बताया जा रहा है।
भारतीय बाजार तक अधिक पहुंच की मांग लंबे समय से अमेरिका करता आ रहा है और यह सभी अमेरिकी सरकारों की प्राथमिकता रही है, चाहे पार्टी कोई भी रही हो।
व्यापार में पारस्परिकता अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीति की मुख्य आधारशिला रही है। उन्होंने अमेरिका के पारंपरिक साझेदारों जैसे यूके, ईयू, जापान और भारत, साथ ही चीन जैसे प्रतिस्पर्धी देशों के साथ भी इस सिद्धांत को लागू किया।
इस सप्ताह की शुरुआत में एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा था कि भारत के साथ व्यापार समझौता अब शीघ्र संभावित है।
भारतीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल हाल ही में वॉशिंगटन में अमेरिकी वाणिज्य सचिव हावर्ड लटनिक, वित्त सचिव स्कॉट बेसेंट, और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जैमिसन ग्रीयर के साथ वार्ता के लिए मौजूद थे।
अवैध प्रवासन और मादक पदार्थों की तस्करी को लेकर भी उप सचिव लैंडाउ ने सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया। प्रवक्ता ने इस पर कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी, लेकिन यह संकेत पूर्व में अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले भारतीय नागरिकों की घटनाओं की ओर इशारा करता है, जिन्हें बाद में अमेरिकी सैन्य विमानों से भारत भेजा गया था। इस प्रक्रिया का एक मर्मस्पर्शी वीडियो, जिसमें लोगों को हथकड़ियों में बिठाकर विमान में चढ़ाया जा रहा था, सोशल मीडिया पर सामने आया था।
बैठक में दोनों पक्षों ने क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बनाए रखने की साझा प्रतिबद्धता को भी दोहराया।
With inputs from IANS