सियोल: उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग-उन ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस को 'बिना शर्त समर्थन' देने का संकल्प लिया है और मॉस्को के साथ हुई आपसी रक्षा संधि के अनुच्छेदों का "जिम्मेदारी से पालन" करने की बात कही है। यह जानकारी उत्तर कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी ने गुरुवार को दी।
कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (KCNA) के अनुसार, किम ने यह टिप्पणी रूस की सुरक्षा परिषद के सचिव सेर्गेई शोइगु के साथ बुधवार को प्योंगयांग में हुई मुलाकात के दौरान की।
रूस के शीर्ष सुरक्षा अधिकारी शोइगु उत्तर कोरिया और रूस के बीच गहराते सैन्य सहयोग के बीच उत्तर कोरिया पहुंचे। हाल ही में उत्तर कोरिया ने यूक्रेन युद्ध में रूस का समर्थन करने के लिए सैनिक भेजने की बात स्वीकार की थी।
KCNA की रिपोर्ट के अनुसार, इस बैठक में किम ने स्पष्ट रूप से कहा कि उत्तर कोरिया “रूस के रुख और उसकी विदेश नीति का सभी महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मुद्दों, खासकर यूक्रेन से संबंधित मामलों में, बिना शर्त समर्थन करेगा।”
किम ने यह भी कहा कि उनका देश “प्योंगयांग और मॉस्को के बीच हुई रक्षा संधि के अनुच्छेदों का जिम्मेदारीपूर्वक पालन करेगा।” यह वही रणनीतिक साझेदारी संधि है जिस पर जून 2023 में किम और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्योंगयांग में हस्ताक्षर किए थे।
वार्ता के दौरान दोनों पक्षों ने यूक्रेन संघर्ष को लेकर अपने साझा दृष्टिकोण की पुष्टि की और द्विपक्षीय संबंधों को “सशक्त और व्यापक रणनीतिक साझेदारी” में बदलने की प्रतिबद्धता जताई।
रूसी समाचार एजेंसी तास के अनुसार, बैठक में कुर्स्क फ्रंटलाइन क्षेत्र के पुनर्निर्माण और युद्ध में मारे गए उत्तर कोरियाई सैनिकों की स्मृति में कार्यक्रमों की योजना पर भी चर्चा हुई।
दक्षिण कोरिया के एकीकरण मंत्रालय ने कहा कि बातचीत के एजेंडे में संभवतः उत्तर कोरिया द्वारा और सैनिक भेजने, यूक्रेन युद्ध को लेकर चल रही संघर्षविराम वार्ताएं और किम के संभावित रूस दौरे जैसे मुद्दे शामिल थे।
यह वार्ता ऐसे समय हुई जब दक्षिण कोरिया के नए राष्ट्रपति ली जे-म्युंग ने अपना कार्यभार संभाला। मंत्रालय के एक अधिकारी ने संकेत दिया कि बातचीत में कोरियाई प्रायद्वीप की सुरक्षा स्थिति और उत्तर-दक्षिण कोरिया संबंधों पर भी चर्चा हो सकती है।
शोइगु की यह यात्रा पिछले तीन महीनों में दूसरी बार हुई है और यह उस दिन के करीब है जब पिछले साल 19 जून को आपसी रक्षा संधि पर हस्ताक्षर हुए थे। इस संधि के अनुसार यदि दोनों में से किसी पर हमला होता है, तो बिना किसी देरी के सैन्य सहायता प्रदान की जाएगी।
इस साल अप्रैल में उत्तर कोरिया ने पहली बार आधिकारिक रूप से यह स्वीकार किया था कि उसने यूक्रेन युद्ध में रूस के साथ लड़ने के लिए सैनिक भेजे हैं।
सियोल की खुफिया एजेंसी के अनुसार, अब तक लगभग 15,000 उत्तर कोरियाई सैनिक रूस भेजे जा चुके हैं और अनुमान है कि इनमें से 4,700 से अधिक हताहत हुए हैं, जिनमें लगभग 600 की मौत शामिल है।
With inputs from IANS