भारत अमेरिका-इंडोनेशिया व्यापार समझौते की तर्ज पर काम कर रहा है: ट्रंपBy Admin Wed, 16 July 2025 06:43 AM

न्यूयॉर्क — अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि भारत, अमेरिका-इंडोनेशिया व्यापार समझौते की तर्ज पर एक समझौते पर काम कर रहा है, जिससे अमेरिका को भारतीय बाजार तक अधिक पहुंच मिल सकेगी।

ट्रंप ने वॉशिंगटन में पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि जकार्ता (इंडोनेशिया) के साथ हुए समझौते के तहत अमेरिका में आयात पर 19 प्रतिशत टैरिफ लगेगा, जबकि अमेरिका से इंडोनेशिया को निर्यात पर कोई शुल्क नहीं होगा।

उन्होंने कहा, “भारत भी मूल रूप से उसी दिशा में काम कर रहा है। हमें भारत तक पहुंच मिलने वाली है।”

भारत और अमेरिका के बीच इस व्यापार समझौते को 1 अगस्त की डेडलाइन से पहले अंतिम रूप देने के लिए दोनों देशों के वार्ताकार तेजी से काम कर रहे हैं। यह डेडलाइन ट्रंप ने उन देशों के लिए तय की है जो यदि इस समय सीमा तक समझौते नहीं करते तो उन्हें मनमाने टैरिफ का सामना करना पड़ सकता है।

ट्रंप ने कई देशों और यूरोपीय संघ को पत्र भेजकर चेतावनी दी है कि अगर वे निर्धारित समय सीमा तक कोई समझौता नहीं करते हैं, तो उन पर 35 प्रतिशत तक शुल्क लगाया जा सकता है। भारत को भी इसी तरह की चेतावनी दी गई है।

हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि ट्रंप का आशय इंडोनेशिया के साथ हुए सौदे की हूबहू नकल से है या भारत से अलग स्तर के टैरिफ और रियायतें ली जाएंगी।

यदि अमेरिका और भारत के बीच हो रहा व्यापार समझौता इंडोनेशिया की तरह हुआ, तो इसका मतलब होगा कि भारत से अमेरिका को होने वाले निर्यात पर 19 प्रतिशत शुल्क लगेगा, जबकि अमेरिका से भारत को आने वाले सामान पर कोई शुल्क नहीं लगेगा — जो भारत के लिए असहज और कठिन प्रस्ताव हो सकता है।

ट्रंप ने यह भी कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 50 दिन की समयसीमा के भीतर यूक्रेन के साथ शांति समझौते के लिए सहमत हो सकते हैं, जिससे भारत जैसे देशों को रूसी ऊर्जा उत्पादों की खरीद पर प्रस्तावित 100 प्रतिशत दंडात्मक शुल्क से राहत मिल सकती है।

जब एक पत्रकार ने उनसे 2 सितंबर की समयसीमा के बारे में पूछा, तो ट्रंप ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि 50 दिन कोई लंबा समय है। इससे पहले भी यह हो सकता है।”

ट्रंप ने मंगलवार को यह घोषणा की कि वह रूस के खिलाफ सख्त कदम उठा रहे हैं क्योंकि उसने अब तक यूक्रेन में युद्ध रोकने के लिए संघर्षविराम की शर्तों को नहीं माना है।

उनके द्वारा प्रस्तावित उपायों में एक 100 प्रतिशत सेकंडरी टैरिफ भी शामिल है, जो उन देशों पर लगाया जाएगा जो रूस से ऊर्जा उत्पाद आयात कर रहे हैं — जिससे भारत जैसे देश अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हो सकते हैं।

इन दंडात्मक टैरिफ का उद्देश्य इन देशों को रूस से ऊर्जा खरीद बंद करने और मॉस्को पर समझौते के लिए दबाव डालने के लिए मजबूर करना है।

इस बीच अमेरिकी सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी के नेता जॉन थ्यून ने कहा कि उन्होंने फिलहाल उस बिल को रोक दिया है, जिसमें रूस से ऊर्जा आयात करने वाले देशों पर 500 प्रतिशत टैरिफ लगाने का प्रस्ताव था।

ट्रंप पहले ही इस तरह के बिल की जरूरत पर सवाल उठा चुके हैं क्योंकि उनके अनुसार वे स्वयं ही कार्यकारी आदेश के माध्यम से ऐसे प्रतिबंध लगा सकते हैं।

इंडोनेशिया और भारत के संभावित व्यापार समझौतों पर बोलते हुए ट्रंप ने कहा, “आपको समझना होगा कि इन देशों में हमें पहले कोई पहुंच नहीं थी। हमारे लोग वहां व्यापार नहीं कर सकते थे। लेकिन अब हम टैरिफ के जरिए उन्हें मजबूर कर रहे हैं और हमें वहां पहुंच मिल रही है।”

उन्होंने यह भी कहा कि इंडोनेशिया में उच्च गुणवत्ता वाला तांबा और रेयर अर्थ मिनरल्स हैं, जिनकी अमेरिका को आवश्यकता है।

 

With inputs from IANS