बांग्लादेश में सुधार पूरे होने तक नहीं होंगे आम चुनाव: एनसीपीBy Admin Wed, 13 August 2025 10:22 AM

ढाका — बांग्लादेश के आम चुनाव को लेकर एक और बड़ा विवाद सामने आया है। नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) के मुख्य संयोजक नसीरुद्दीन पटवारी ने कहा है कि अगले साल फरवरी में प्रस्तावित चुनाव तब तक नहीं हो सकते, जब तक सुधार पूरे नहीं किए जाते। स्थानीय मीडिया ने यह जानकारी दी।

पटवारी ने यह बयान ढाका के फार्मगेट स्थित कृषिबिद इंस्टीट्यूशन में अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस पर आयोजित नेशनल यूथ कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए दिया।

उन्होंने कहा, “अगर चुनाव सुधार पूरे किए बिना कराए गए, तो इस सरकार को कब्र में जाकर मेरे उन भाइयों के शव लौटाने होंगे, जिन्होंने सुधारों के लिए अपना खून बहाया और शहादत दी।” यह बयान बांग्लादेश के प्रमुख दैनिक जुगांतर ने उद्धृत किया।

कार्यक्रम में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के संयुक्त सचिव शाहिदुद्दीन चौधरी ऐनी और कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी जमात-ए-इस्लामी के नेता अब्दुल्ला मोहम्मद ताहेर भी मौजूद थे।

एनसीपी के संयोजक नाहिद इस्लाम ने कहा कि उनकी पार्टी ने जुलाई घोषणा में रियायत दी थी, लेकिन जुलाई चार्टर पर “जरा भी समझौता” नहीं होगा।

उन्होंने कहा, “समीकरण अभी पूरा नहीं हुआ है। जो लोग सोचते हैं कि उन्होंने इसे समझ लिया है, वे गलत राह पर हैं। हमने पिछले साल और जुलाई घोषणा में रियायत दी, लेकिन जुलाई चार्टर में एक प्रतिशत भी रियायत नहीं देंगे। हम चुनाव में तभी भाग लेंगे, जब जुलाई चार्टर के उद्देश्यों की पूर्ति होगी। बदलाव जरूरी है, चुनाव भी होगा लेकिन चार्टर पर कोई समझौता नहीं। कोई भी राजनीतिक दल बिना इसके वादे लागू किए सत्ता में नहीं आ पाएगा।”

ध्यान देने वाली बात है कि बीएनपी ने फरवरी 2026 में चुनाव कराने के फैसले का स्वागत किया है, जबकि जमात-ए-इस्लामी ने इस पर सहमति जताते हुए ऊपरी और निचले सदनों के लिए आनुपातिक प्रतिनिधित्व (PR) प्रणाली लागू करने की मांग की है और ऐसा न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।

इसके अलावा, नसीरुद्दीन ने देश की डायरेक्टरेट जनरल ऑफ फोर्सेज इंटेलिजेंस (DGFI) की आलोचना करते हुए चेतावनी दी कि अगर यह एजेंसी सही तरीके से काम नहीं करती, तो एनसीपी इसके दफ्तरों में तोड़फोड़ करेगी।

उन्होंने कहा, “यह खुफिया एजेंसी जनता के पैसों से चलती है, लेकिन जनता को यह नहीं पता कि वे कितना खर्च करते हैं। कोई जवाबदेही नहीं, कोई जिम्मेदारी नहीं, कोई पारदर्शिता नहीं। इनका काम सिर्फ लोगों को डराना है। अगर यह रवैया जारी रहा, तो हम पूछताछ कक्ष ही नहीं, बल्कि DGFI मुख्यालय भी तोड़ देंगे। हमने बहुत सहा है। अगर DGFI को बांग्लादेश में रहना है, तो इसमें सुधार करना होगा।”

उल्लेखनीय है कि पिछले साल हिंसक प्रदर्शनों के दौरान शेख हसीना के नेतृत्व वाली आवामी लीग सरकार को हटाए जाने के बाद से बांग्लादेश में अगले आम चुनाव को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।

यूनुस के साथ मिलकर हसीना को हटाने वाली पार्टियां अब सुधार प्रस्तावों और चुनाव की तारीख को लेकर आपस में टकरा रही हैं।

 

With inputs from IANS