चिन्मय दास पर चार और मामले दर्ज, अवामी लीग ने इसे 'अमानवीय कानूनी उत्पीड़न' बतायाBy Admin Tue, 06 May 2025 01:28 PM

ढाका (IANS) : बांग्लादेश के प्रमुख हिंदू नेता और सम্মिलित सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास को चटगांव की एक अदालत ने मंगलवार को चार और मामलों में गिरफ्तार दिखाया, जिससे उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई और तेज हो गई है।

यह कदम उस आदेश के ठीक अगले दिन आया है जब इसी अदालत ने सोमवार को चटगांव कोर्ट के वकील सैफुल इस्लाम अलिफ की हत्या के मामले में दास को गिरफ्तार दिखाने का आदेश दिया था।

चटगांव मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एसएम अलाउद्दीन महमूद ने मंगलवार सुबह वर्चुअल सुनवाई के दौरान पुलिस के आवेदन पर यह आदेश पारित किया। स्थानीय मीडिया के अनुसार, सुरक्षा कारणों से चिन्मय दास को शारीरिक रूप से अदालत में पेश नहीं किया गया और उन्हें जेल से वर्चुअली जोड़ा गया।

सहायक लोक अभियोजक रायहानुल वाजेद चौधरी ने बताया, "पुलिस ने तीन और अलिफ के भाई ने एक मामला दर्ज किया है जिसमें अदालत परिसर में तोड़फोड़, पुलिस और आम जनता पर हमला, देसी बम विस्फोट और पुलिस के कर्तव्यों में बाधा डालने के आरोप शामिल हैं। ये घटनाएं 26 नवंबर को हुई झड़पों से संबंधित हैं।"

इससे पहले, 30 अप्रैल को बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट की अपीलीय पीठ ने दास को राजद्रोह के एक मामले में दी गई हाईकोर्ट की जमानत पर रोक लगा दी थी।

मंगलवार को अवामी लीग पार्टी ने चिन्मय दास को तत्काल रिहा करने की मांग करते हुए कहा कि, "एक समुदाय विशेष को निशाना बनाकर चलाए जा रहे अभियान और मोहम्मद यूनुस समर्थित गुट द्वारा उकसाए गए नफरत फैलाने वाले अभियान के कुछ ही दिनों बाद एक अल्पसंख्यक अधिकार कार्यकर्ता पर हत्या जैसे झूठे आरोप लगाकर उसे फंसाना अमानवीय कानूनी उत्पीड़न है।"

अवामी लीग ने अपने लंबे पोस्ट में आरोप लगाया कि, “चिन्मय दास को पिछले 130 दिनों से झूठे राजद्रोह के आरोपों में जेल में रखकर अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार के विरोध को दबाया जा रहा है। अब उन्हें और मामलों में फंसा कर यूनुस सरकार न्यायपालिका और कानून-व्यवस्था का राजनीतिक दुरुपयोग कर रही है।”

पार्टी ने यह भी कहा कि अदालत की सुनवाई के दौरान चिन्मय दास के पक्ष में कोई वकील मौजूद नहीं था, इसके बावजूद उन्हें अपराधी घोषित कर देना यह दर्शाता है कि यूनुस शासन में न्यायपालिका अब न्याय नहीं, बल्कि दमन का औजार बन चुकी है।

चिन्मय दास को 25 नवंबर 2024 को ढाका में गिरफ्तार किया गया था और अगले दिन चटगांव कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया था। 11 दिसंबर को भी कोर्ट ने उनकी जमानत नामंजूर कर दी थी।

उनकी गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में हिंदू समुदाय ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किए थे। अगस्त 2024 में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के पतन और मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनने के बाद, बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता और हिंदू समुदाय पर हमलों की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं।

भारत ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए बार-बार कहा है कि यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के दौरान हिंदू अल्पसंख्यकों का व्यवस्थित उत्पीड़न हो रहा है।