
मॉस्को — विदेश मंत्री (ईएएम) एस. जयशंकर गुरुवार को मॉस्को में अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से मुलाकात करेंगे। इस बैठक का उद्देश्य दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों को और मजबूत करना तथा रणनीतिक साझेदारी को सुदृढ़ करना है।
इन वार्ताओं में द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों की एक व्यापक श्रृंखला पर चर्चा होने की उम्मीद है, जिसमें आर्थिक मजबूती और बहुध्रुवीय सहयोग पर विशेष जोर रहेगा।
जयशंकर 19 अगस्त को तीन दिवसीय दौरे पर रूस पहुंचे। बुधवार को उन्होंने मॉस्को में भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग (IRIGC-TEC) के 26वें सत्र की सह-अध्यक्षता की, जिसमें व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग पर विचार-विमर्श हुआ।
उन्होंने रूस के प्रथम उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव के साथ भारत-रूस बिजनेस फोरम को भी संबोधित किया, जहाँ दोनों पक्षों ने व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के रास्तों की तलाश की।
इसके बाद जयशंकर ने एक्स पर लिखा: “प्रथम उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव के साथ भारत-रूस बिजनेस फोरम में शामिल होकर खुशी हुई। हमारे आर्थिक संबंधों की गहराई पर विभिन्न क्षेत्रीय नेताओं के आकलन और रिपोर्टों की सराहना करता हूं।”
उन्होंने जोड़ा: “दोहराया कि एक स्थायी रणनीतिक साझेदारी का मजबूत और टिकाऊ आर्थिक आधार होना ज़रूरी है। इस संदर्भ में, हमारे व्यवसायों से अधिक व्यापार करने, निवेश और संयुक्त उपक्रमों पर विचार करने तथा आर्थिक सहयोग के नए आयाम खोलने का आह्वान किया।”
बैठक में परिवहन, लॉजिस्टिक्स और वित्तीय प्रणालियों को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित होगा, जो प्रतिबंध लगाने वाले देशों से स्वतंत्र रूप से संचालित हो सकें। यह आर्थिक संप्रभुता को सुरक्षित करने और द्विपक्षीय व्यापार में राष्ट्रीय मुद्राओं के इस्तेमाल को बढ़ाने का प्रयास है।
यह मुलाकात उस समय हो रही है जब दोनों देश संयुक्त राष्ट्र (यूएन), ब्रिक्स (ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका), शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) और जी20 जैसे बहुपक्षीय मंचों पर संवाद को गहरा करने का प्रयास कर रहे हैं।
दोनों पक्षों के अधिकारियों ने जोर दिया है कि आपसी विश्वास और सम्मान भारत-रूस संबंधों की आधारशिला है।
चर्चा के प्रमुख क्षेत्रों में ऊर्जा, वित्त, रक्षा उत्पादन, विज्ञान और संस्कृति जैसे क्षेत्रों में अंतर-विभागीय सहयोग को मजबूत करना शामिल होगा। मंत्री कृषि, वैज्ञानिक-तकनीकी और अवसंरचना सहयोग में प्रगति की समीक्षा करेंगे तथा उच्च-स्तरीय आगामी मुलाकातों की रूपरेखा तय करेंगे।
वैश्विक परिदृश्य पर, जयशंकर और लावरोव एशिया-प्रशांत क्षेत्र की बदलती सुरक्षा संरचना, यूक्रेन संघर्ष, अफगानिस्तान की स्थिति और चल रहे फिलिस्तीन-इजरायल टकराव पर विचार-विमर्श करेंगे।
मॉस्को और नई दिल्ली दोनों बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था की वकालत जारी रखते हैं, इसे वैश्विक स्थिरता और संतुलन बनाए रखने के लिए अहम मानते हैं। रूस ने रचनात्मक संवाद और आपसी सम्मान पर आधारित समावेशी अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था बनाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।
यह बैठक भारत-रूस संबंधों की रणनीतिक गहराई की पुष्टि और बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्य में सहयोग बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
With inputs from IANS