
कोलंबो। श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को राज्य धन के दुरुपयोग के आरोप में आपराधिक जांच विभाग (CID) द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद कोलंबो फोर्ट मजिस्ट्रेट अदालत ने शुक्रवार रात उन्हें 26 अगस्त तक रिमांड पर भेज दिया। स्थानीय मीडिया ने यह जानकारी दी।
अदालत ने यह फैसला तब लिया जब देश के अटॉर्नी जनरल विभाग के प्रतिनिधि, जो सीआईडी की ओर से पेश हुए थे, ने अदालत को बताया कि विक्रमसिंघे के खिलाफ सबूत पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट के तहत पेश किए जाएंगे और चूंकि जांच पूरी नहीं हुई है, इसलिए आरोपी को रिमांड पर भेजने का अनुरोध किया गया।
स्थानीय मीडिया के हवाले से शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने बताया कि अदालत के आदेश के बाद विक्रमसिंघे को जेल अस्पताल में भर्ती कराया गया।
शुक्रवार को ही विक्रमसिंघे को अदालत में पेश किया गया था। उन पर आरोप है कि सितंबर 2023 में राष्ट्रपति रहते हुए उन्होंने एक ब्रिटिश विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के लिए लंदन यात्रा पर राज्य धन का दुरुपयोग किया।
यह श्रीलंका के इतिहास में पहली बार है जब किसी पूर्व कार्यकारी राष्ट्रपति को गिरफ्तार कर रिमांड पर भेजा गया है।
विक्रमसिंघे जुलाई 2022 में संसद सदस्यों द्वारा राष्ट्रपति चुने गए थे, जब गोटाबाया राजपक्षे ने इस्तीफा दिया था। हालांकि, सितंबर 2024 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में वह हार गए।
जांच के हिस्से के रूप में, सीआईडी पहले ही पूर्व राष्ट्रपति के निजी सचिव और राष्ट्रपति सचिव से बयान दर्ज कर चुका है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शुक्रवार सुबह विक्रमसिंघे सीआईडी कार्यालय में बयान दर्ज कराने पहुंचे थे, जिसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया।
With inputs from IANS