चालू वित्त वर्ष में भारत का टायर उद्योग दिखाएगा मजबूत वृद्धि: रिपोर्टBy Admin Mon, 25 August 2025 10:32 AM

नई दिल्ली। क्षमता विस्तार में निरंतर निवेश, बेहतर मैन्युफैक्चरिंग दक्षता और अनुसंधान एवं विकास (R&D) पर बढ़ते फोकस के चलते भारत का टायर उद्योग चालू वित्त वर्ष (एफवाई26) में मजबूत वृद्धि दर्ज करने का अनुमान है।

उद्योग से जुड़े जानकारों के मुताबिक, भले ही ओई (ओरिजिनल इक्विपमेंट) डिमांड कमजोर बनी हुई है, लेकिन घरेलू रिप्लेसमेंट डिमांड के सहारे सेक्टर की ग्रोथ मजबूत रहने की उम्मीद है।

विश्लेषकों का कहना है कि रिप्लेसमेंट डिमांड को ग्रामीण इलाकों में सकारात्मक रुझान, त्योहारी मांग और ब्याज दरों में कटौती से खपत पर पड़ने वाले असर जैसे कारक सहारा देंगे, जबकि शहरी मांग अभी धीमी है।

त्योहारी सीजन, हाल ही में रेपो रेट में कटौती और बेहतर मानसून परिस्थितियां भी उपभोक्ता भावनाओं को मजबूत करने वाली हैं।

क्रिसिल रेटिंग्स की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष में भारत का टायर उद्योग सालाना बिक्री का लगभग आधा हिस्सा बनाने वाली रिप्लेसमेंट डिमांड के चलते 7-8 प्रतिशत राजस्व वृद्धि दर्ज करेगा।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बढ़ती प्रीमियम डिमांड (premiumisation) से सेक्टर को कुछ अतिरिक्त सहारा मिल सकता है। हालांकि, अमेरिका में शुल्कों के चलते चीनी उत्पादकों द्वारा स्टॉक्स को डायवर्ट करने से उत्पन्न डंपिंग का खतरा और बढ़ते व्यापार तनाव सेक्टर के लिए चुनौती बन सकते हैं।

संचालन लाभ मार्जिन (Operating Profitability) 13-13.5 प्रतिशत के स्तर पर स्थिर रहने का अनुमान है, जिसे स्थिर इनपुट लागत और बेहतर क्षमता उपयोग से सहारा मिलेगा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि “मजबूत कैश फ्लो, हल्के बैलेंस शीट और संतुलित कैपिटल खर्च के चलते सेक्टर की क्रेडिट आउटलुक स्थिर बनी रहेगी।”

यह रिपोर्ट देश की शीर्ष छह टायर कंपनियों के विश्लेषण पर आधारित है, जो सभी वाहन सेगमेंट को कवर करती हैं और लगभग 1 लाख करोड़ रुपये के सेक्टर राजस्व में 85 प्रतिशत हिस्सेदारी रखती हैं। इनमें से 75 प्रतिशत वॉल्यूम घरेलू मांग से आता है, जबकि शेष निर्यात से।

क्रिसिल रेटिंग्स के सीनियर डायरेक्टर अनुज सेठी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में वॉल्यूम ग्रोथ 5-6 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष जैसी ही है। रिप्लेसमेंट सेगमेंट, जो कुल वॉल्यूम का लगभग 50 प्रतिशत है, बड़े वाहन बेस, मजबूत मालवाहक मूवमेंट और ग्रामीण रिकवरी की वजह से 6-7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेगा।

 

With inputs from IANS