भारत बना यूक्रेन का सबसे बड़ा डीज़ल आपूर्तिकर्ता, अमेरिकी शुल्कों के बीच रिपोर्टBy Admin Sat, 30 August 2025 02:59 PM

नई दिल्ली — अमेरिका द्वारा रूसी कच्चे तेल पर लगाए गए 50 प्रतिशत शुल्क के बावजूद भारत यूक्रेन का सबसे बड़ा डीज़ल आपूर्तिकर्ता बन गया है। यह जानकारी शनिवार को एक रिपोर्ट में दी गई।

रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका का आरोप है कि भारत रूस से कच्चा तेल खरीदकर अप्रत्यक्ष रूप से यूक्रेन युद्ध में रूस का समर्थन कर रहा है।

यूक्रेनी तेल बाजार विश्लेषक कंपनी NaftoRynok के मुताबिक, जुलाई 2025 में भारत ने यूक्रेन की कुल डीज़ल आयात आवश्यकताओं का 15.5 प्रतिशत पूरा किया, जो किसी भी देश से सबसे अधिक था। इस अवधि में भारत से प्रतिदिन औसतन 2,700 टन डीज़ल की आपूर्ति हुई, जो इस साल के सबसे मजबूत निर्यात महीनों में से एक रहा।

जनवरी से जुलाई 2025 तक भारत की हिस्सेदारी बढ़कर 10.2 प्रतिशत हो गई, जबकि 2024 की इसी अवधि में यह केवल 1.9 प्रतिशत थी।

रिपोर्ट में बताया गया कि भारत से पहुंचा अधिकांश ईंधन रोमानिया के जरिए डेन्यूब मार्ग और तुर्की के ओपेट टर्मिनल से होकर यूक्रेन पहुंचा।

जुलाई में अन्य बड़े आपूर्तिकर्ताओं में स्लोवाकिया (15%), ग्रीस (13.5%), तुर्की (12.4%) और लिथुआनिया (11.4%) शामिल रहे।

विश्लेषकों का कहना है कि इन निर्यातों में से कुछ डीज़ल रूसी कच्चे तेल से रिफाइन किया गया हो सकता है, हालांकि आधिकारिक आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए गए हैं।

यह घटनाक्रम ऐसे समय पर सामने आया है जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ रहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 27 अगस्त से लागू 50 प्रतिशत टैरिफ पर कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए और भारत व रूस दोनों को "डेड इकोनॉमी" बताया।

वहीं, भारतीय सरकार ने इन शुल्कों को अनुचित, अन्यायपूर्ण और अव्यावहारिक करार देते हुए कहा है कि वह अपने आर्थिक हितों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएगी।

विशेषज्ञों के अनुसार, रूस दुनिया की तेल आपूर्ति का लगभग 10 प्रतिशत प्रदान करता है। अगर भारत रूस से खरीद बंद कर दे तो कच्चे तेल की कीमत 200 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती है। उनका मानना है कि भारत की खरीददारी से वैश्विक बाजार स्थिर हो रहे हैं और इससे पूरी दुनिया के नागरिकों को राहत मिल रही है।

 

With inputs from IANS