अमेरिकी फेड रेट कट उम्मीदों और त्योहारी मांग से सोना-चांदी ईटीएफ में जबरदस्त तेजीBy Admin Tue, 02 September 2025 06:13 AM

मुंबई- निवेशकों की अमेरिकी फेडरल रिजर्व की दरों में कटौती की उम्मीद, त्योहारी मांग और कमजोर होते डॉलर के चलते सोना और चांदी की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गईं, विश्लेषकों ने मंगलवार को बताया।

भारत में सोमवार को 24 कैरेट सोने की कीमत प्रति ग्राम ₹10,499 रही, जबकि एमसीएक्स पर यह ₹1,05,880 प्रति 10 ग्राम रही। चांदी की कीमत ₹1.05 लाख प्रति किलोग्राम दर्ज की गई।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्पॉट गोल्ड $3,493.10 प्रति औंस पर पहुंच गया, जो अप्रैल में बने रिकॉर्ड $3,500.05 के करीब है। दिसंबर गोल्ड फ्यूचर्स $3,546.10 प्रति औंस तक बढ़ गए, वहीं चांदी $40.84 प्रति औंस पर पहुंच गई, जो 2011 के बाद सबसे ऊंचा स्तर है।

ईटीएफ निवेशकों को भी शानदार रिटर्न मिला। निप्पॉन इंडिया गोल्ड BeES 1.49% बढ़कर ₹86.61 पर, एचडीएफसी गोल्ड ईटीएफ 1.59% बढ़कर ₹89.43 पर, एसबीआई गोल्ड ईटीएफ 1.67%, और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल गोल्ड ईटीएफ 1.77% चढ़ा। गोल्ड ईटीएफ निवेशकों को पिछले एक साल में लगभग 40% रिटर्न मिला है।

चांदी ईटीएफ में भी दमदार तेजी देखने को मिली। एचडीएफसी सिल्वर ईटीएफ 4.58% बढ़कर ₹119.14 पर पहुंचा। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल सिल्वर ईटीएफ और यूटीआई सिल्वर ईटीएफ समेत अन्य फंड्स में भी 3.7% से अधिक की बढ़त दर्ज की गई। सिल्वर ईटीएफ ने निवेशकों को एक साल में लगभग 36% रिटर्न दिया है। अगस्त में सिल्वर ईटीएफ में 800 मिलियन औंस का प्रवाह हुआ, जो तीन साल का उच्चतम स्तर है, और इसे त्योहारी खरीदारी ने भी समर्थन दिया।

विश्लेषकों का मानना है कि यह तेजी अमेरिकी फेड की 17-18 सितम्बर की बैठक में संभावित रेट कट की उम्मीदों, कमजोर रोजगार डेटा, टैरिफ इन्फ्लेशन की चिंताओं और ईवी व सोलर उद्योग से बढ़ती औद्योगिक मांग, साथ ही पांच साल से जारी सप्लाई डेफिसिट के चलते आई है।

मोतिलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के प्रेशियस मेटल एनालिस्ट मानव मोदी ने कहा,
“सोने की कीमतें चार महीने से ज्यादा के उच्च स्तर पर पहुंच गई हैं और अप्रैल के सर्वकालिक रिकॉर्ड के करीब हैं। कमजोर डॉलर और इस माह अमेरिकी ब्याज दरों में कटौती की बढ़ती उम्मीदों से सोने को सहारा मिला है।”

मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वीपी कमोडिटीज राहुल कलंत्री ने कहा कि “यह तेजी कमजोर महंगाई दर, नरम अमेरिकी डॉलर और उधारी लागत में आसन्न कटौती को लेकर बढ़ती अटकलों से और मजबूत हुई है।”

उन्होंने आगे कहा कि अब बाजार सहभागियों की नजर अमेरिकी रोजगार डेटा पर है, जो आगे की दिशा तय करेगा।

 

With inputs from IANS