
नई दिल्ली- भारत के ऑटोमोबाइल उद्योग ने अगस्त में खुदरा बिक्री में साल-दर-साल (YoY) आधार पर 2.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। इसमें सबसे मजबूत प्रदर्शन दोपहिया वाहन खंड का रहा, एक रिपोर्ट में बुधवार को कहा गया।
चॉइस इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की रिपोर्ट के अनुसार, दोपहिया निर्माताओं ने निर्यात और डीलरों द्वारा त्योहारी सीजन से पहले स्टॉक बढ़ाने की वजह से 2.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की।
पैसेंजर व्हीकल (PV) बिक्री में SUV की मजबूत मांग के चलते 0.8 प्रतिशत की मामूली बढ़ोतरी हुई। वहीं, तीन-पहिया वाहनों की बिक्री 2.3 प्रतिशत घटी क्योंकि उपभोक्ता इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर शिफ्ट हो रहे हैं।
कंपनियों के प्रदर्शन में, आयशर मोटर्स ने दोपहिया बिक्री में 54.8 प्रतिशत की साल-दर-साल वृद्धि दर्ज की, जबकि टीवीएस मोटर ने प्रीमियम मोटरसाइकिलों की मजबूत मांग से 30.1 प्रतिशत की बढ़त हासिल की।
हीरो मोटोकॉर्प की बिक्री ग्रामीण बाजारों में रिकवरी के कारण 8.1 प्रतिशत बढ़ी, जबकि बजाज ऑटो ने 5.0 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की, जिसे 28.6 प्रतिशत की निर्यात वृद्धि का समर्थन मिला।
PV खंड में घरेलू बाजार की बिक्री धीमी रही क्योंकि डीलरों ने जीएसटी दरों में संभावित बदलाव को देखते हुए कम इन्वेंट्री रखी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि इस खंड में CNG वाहनों की हिस्सेदारी बढ़ रही है।
महिंद्रा एंड महिंद्रा की घरेलू डिस्पैच बिक्री 9 प्रतिशत घटी, जबकि मारुति सुजुकी में 0.6 प्रतिशत की गिरावट आई, हालांकि कंपनी को मजबूत निर्यात से सहारा मिला।
कमर्शियल वाहनों (CV) की बिक्री 8.0 प्रतिशत बढ़ी, जबकि ट्रैक्टर बिक्री ग्रामीण मांग से 29.7 प्रतिशत उछली। अशोक लेलैंड के नेतृत्व में CV इन्वेंट्री में कमी आई, जिससे सुस्त साल के बाद डीलरों पर दबाव घटा।
केंद्र सरकार से उम्मीद है कि वह दिवाली से पहले एंट्री-लेवल पैसेंजर व्हीकल्स और दोपहिया वाहनों पर कर घटाकर 18 प्रतिशत कर देगी, जिससे ये और अधिक किफायती हो जाएंगे।
वर्तमान में, सभी कंबशन इंजन आधारित पैसेंजर वाहनों पर 28 प्रतिशत जीएसटी के साथ इंजन क्षमता, लंबाई और बॉडी टाइप के आधार पर 1 प्रतिशत से 22 प्रतिशत तक का मुआवजा उपकर (सेस) लगाया जाता है।
With inputs from IANS