जीएसटी दरों में कटौती से एफएमसीजी, परिधान, जूते-चप्पल और रेस्तरां क्षेत्र को बड़ी राहत : रिपोर्टBy Admin Sun, 07 September 2025 08:27 AM

नई दिल्ली- सरकार द्वारा घोषित व्यापक जीएसटी दरों में कटौती से भारत की खपत को नई गति मिलने की उम्मीद है। एक ताज़ा रिपोर्ट में यह आकलन किया गया है।

वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी बर्नस्टीन ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में परिधान, जूते-चप्पल, त्वरित सेवा रेस्तरां (क्यूएसआर), उपभोक्ता वस्तु क्षेत्र और किराना खुदरा कारोबार के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है।

रिपोर्ट के अनुसार, सबसे बड़ा आश्चर्य व्यक्तिगत देखभाल और घरेलू देखभाल वस्तुओं जैसे साबुन, शैम्पू, बालों का तेल, पाउडर और टूथपेस्ट पर जीएसटी में भारी कटौती रही।

इन उत्पादों पर कर दर पहले 12 से 18 प्रतिशत थी, जिसे घटाकर केवल 5 प्रतिशत कर दिया गया है। रिपोर्ट का कहना है कि इससे उपभोक्ता वस्तु कंपनियों को तुरंत राहत मिलेगी, क्योंकि वे उपभोक्ताओं के खर्च का अधिक हिस्सा अपने पास रख पाएंगी।

मध्यम अवधि में इससे मांग में बढ़ोतरी होगी, चाहे बड़े पैक वाले उत्पादों की बिक्री के ज़रिए या इसलिए कि उपभोक्ताओं के पास अन्य वस्तुओं पर खर्च करने के लिए अधिक पैसा होगा।

डीमार्ट, विशाल मेगा मार्ट और स्टार (ट्रेंट समूह का हिस्सा) जैसे किराना विक्रेताओं के साथ-साथ त्वरित वितरण कंपनियों को भी इन बदलावों से बड़ा लाभ होने की संभावना है।

परिधान और जूते-चप्पल के क्षेत्र में भी कर ढांचे में बदलाव किया गया है। पहले 1,000 रुपये से कम मूल्य वाले परिधान पर 5 प्रतिशत कर लगता था और 1,000 रुपये से अधिक मूल्य वाले परिधान पर 12 प्रतिशत। वहीं, 1,000 रुपये से कम मूल्य वाले जूते-चप्पल पर 12 प्रतिशत और 1,000 रुपये से ऊपर के लिए 18 प्रतिशत कर लागू था।

अब 1,000 से 2,500 रुपये तक मूल्य वाले परिधान और जूते-चप्पल पर केवल 5 प्रतिशत कर लगेगा।

2,500 रुपये से अधिक मूल्य वाले परिधान पर कर दर 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दी गई है, जबकि 2,500 रुपये से ऊपर के जूते-चप्पल पर पहले की तरह 18 प्रतिशत कर लागू रहेगा।

बर्नस्टीन का कहना है कि यह बदलाव ट्रेंट जैसी कंपनियों के लिए लाभकारी होगा, जिसकी लगभग 30 प्रतिशत आय 1,000 रुपये से अधिक मूल्य वाले उत्पादों से होती है।

आदित्य बिड़ला लाइफस्टाइल ब्रांड्स लिमिटेड और एबीएफआरएल को भी फायदा होगा, क्योंकि इनके कई उत्पाद इसी दायरे में आते हैं।

लिबर्टी, कैंपस और मेट्रो जैसे जूते-चप्पल विक्रेताओं पर भी इस नई कर संरचना का सकारात्मक असर होगा।

त्वरित सेवा रेस्तरां भी दरों में कटौती से बड़े विजेता साबित होंगे। पनीर, मक्खन, घी, मार्जरीन, सॉस और पैकेजिंग सामग्री जैसे मुख्य कच्चे माल पर कर दरें घटा दी गई हैं।

क्योंकि इन रेस्तराओं को कर समायोजन (इनपुट टैक्स क्रेडिट) का लाभ नहीं मिलता, इसलिए इनपुट पर लगने वाला पूरा कर उनकी लागत में जुड़ जाता है। दरों में कमी से उनके लाभांश पर तुरंत सकारात्मक असर होगा।

 

With inputs from IANS