
नई दिल्ली- भारतीय टायर निर्माता कंपनी सीएटी लिमिटेड ने शुक्रवार को घोषणा की कि वह हाल ही में लागू हुए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधारों का पूरा लाभ उपभोक्ताओं और अपने चैनल पार्टनर्स तक पहुँचाने के लिए सभी श्रेणियों के टायरों की कीमतों में कटौती करेगी।
कंपनी की ओर से जारी बयान के अनुसार, घटे हुए दाम 22 सितम्बर से सभी सीएटी उत्पादों पर लागू होंगे।
जीएसटी दरों के तहत, नए प्न्युमैटिक (pneumatic) टायरों पर टैक्स को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है, जबकि ट्रैक्टर टायर और ट्यूब्स पर जीएसटी अब केवल 5 प्रतिशत लगेगा।
सीएटी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और सीईओ अर्नब बनर्जी ने इसे एक समय पर और प्रगतिशील फैसला बताया।
उन्होंने कहा, “घटे हुए जीएसटी स्लैब से टायर उद्योग और उपभोक्ताओं दोनों को बहुत लाभ होगा। यह ग्राहकों के लिए वाहन का रखरखाव और संचालन सस्ता बनाएगा और टायर बदलना अधिक किफायती होगा।”
बनर्जी ने आगे कहा कि समय पर टायर बदलने से सड़कों की सुरक्षा भी बढ़ेगी। इसके अलावा यह कदम औपचारिकता (formalisation) को प्रोत्साहित करेगा, अनुपालन में सुधार लाएगा और उद्योग में सतत विकास को बढ़ावा देगा।
उद्योग सूत्रों के अनुसार, घरेलू टायर उद्योग इस वित्त वर्ष में 7-8 प्रतिशत तक बढ़ सकता है, जिसका मुख्य कारण रिप्लेसमेंट डिमांड है। ग्रामीण इलाकों में सकारात्मक भावनाएं, त्योहारों की मांग और ब्याज दरों में संभावित कटौती से खपत में बढ़ोतरी रिप्लेसमेंट डिमांड को और मज़बूत करेगी, जबकि शहरी मांग थोड़ी कमजोर बनी हुई है।
उद्योग की वृद्धि को क्षमता विस्तार में लगातार निवेश, निर्माण दक्षता में सुधार और अनुसंधान एवं विकास (R&D) क्षमताओं पर मज़बूत फोकस भी आगे बढ़ा रहे हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, भारत के जीएसटी सुधारों से महंगाई दर में 75 बेसिस पॉइंट तक की कमी और 1 लाख करोड़ रुपये तक की खपत में वृद्धि होने की संभावना है।
With inputs from IANS