
मुंबई - वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली ई-कॉमर्स दिग्गज फ्लिपकार्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को वित्त वर्ष 2024-25 (FY25) में भारी नुकसान झेलना पड़ा है। कंपनी ने इस वित्त वर्ष में ₹5,189 करोड़ का संयुक्त घाटा दर्ज किया, जो पिछले वित्त वर्ष (FY24) के ₹4,248.3 करोड़ के घाटे से कहीं ज्यादा है।
बिज़नेस इंटेलिजेंस प्लेटफ़ॉर्म Tofler द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, कंपनी की कुल आय (Revenue from Operations) FY25 में 17.3% बढ़कर ₹82,787.3 करोड़ रही, जो FY24 में ₹70,541.9 करोड़ थी।
हालांकि, कंपनी का खर्च भी लगभग उतनी ही तेज़ी से बढ़ा। FY25 में कुल खर्च 17.4% बढ़कर ₹88,121.4 करोड़ पर पहुँच गया। इसमें सबसे बड़ा हिस्सा स्टॉक-इन-ट्रेड (Stock-in-trade) की ख़रीदारी का रहा, जो FY24 के ₹74,271.2 करोड़ से बढ़कर FY25 में ₹87,737.8 करोड़ हो गया।
कंपनी की वित्तीय लागत (Finance Cost) भी तेज़ी से बढ़ी और लगभग 57% बढ़कर ₹454 करोड़ तक पहुँच गई।
दूसरी ओर, फ्लिपकार्ट इंटरनेट प्राइवेट लिमिटेड, जो ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस संचालित करती है, ने FY25 में अपने घाटे को कम करने में सफलता पाई। कंपनी ने ₹1,494.2 करोड़ का शुद्ध घाटा दर्ज किया, जो FY24 में ₹2,358.7 करोड़ था।
स्टैंडअलोन आधार पर, फ्लिपकार्ट इंटरनेट का घाटा FY25 में ₹1,568.6 करोड़ रहा, जो पिछले साल (₹2,296.2 करोड़) से बेहतर है।
कंपनी की आय भी बढ़कर FY25 में ₹20,746 करोड़ हो गई, जो FY24 में ₹18,187.7 करोड़ थी — यानी करीब 14% की वृद्धि। इस दौरान कुल खर्च ₹22,315 करोड़ रहा। संयुक्त आधार (Consolidated) पर कंपनी की आय FY25 में ₹20,807.4 करोड़ रही, जबकि FY24 में यह ₹18,241.6 करोड़ थी।
गौरतलब है कि फ्लिपकार्ट की स्थापना 2007 में सचिन बंसल और बिन्नी बंसल ने की थी। यह प्लेटफ़ॉर्म इलेक्ट्रॉनिक्स, फैशन, ग्रॉसरी समेत अनेक श्रेणियों में उत्पाद बेचता है।
फ्लिपकार्ट भारत में लाखों ग्राहकों को ऑनलाइन मार्केटप्लेस उपलब्ध कराता है और कैश ऑन डिलीवरी, नो कॉस्ट ईएमआई, आसान रिटर्न जैसी सेवाओं के जरिए अपनी पकड़ मजबूत बनाए हुए है।
With inputs from IANS