
नई दिल्ली- जीएसटी दरों के तर्कसंगतीकरण (GST rationalisation) के लागू होने के बाद, त्योहारी सीज़न की शुरुआत और ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म्स पर चल रही सेल्स के बीच देश के इलेक्ट्रॉनिक्स बाज़ार में मांग में तेज़ बढ़ोतरी देखी जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम उद्योग और उपभोक्ताओं दोनों के लिए सकारात्मक साबित होगा।
उद्योग जगत ने एयर कंडीशनर, टेलीविज़न और डिशवॉशर पर जीएसटी को 28% से घटाकर 18% करने के फैसले का स्वागत किया है।
आईसीईए (ICEA) के चेयरमैन पंकज मोहिंद्रू ने कहा,
“उद्योग की लंबे समय से चली आ रही यह मांग पूरी हुई है। इससे उपकरण अधिक किफायती होंगे, घरेलू मांग को बल मिलेगा और खपत में इज़ाफा होगा, जो भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को बढ़ाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। हम आशा करते हैं कि भविष्य में स्मार्टफोन और लैपटॉप पर भी जीएसटी 18% से घटाकर 5% किया जाएगा, जिससे डिजिटल समावेशन और भी मज़बूत होगा।”
जीएसटी दरों में कमी का सीधा असर दुकानों और शोरूम्स में दिखाई दिया, जहां उपभोक्ताओं की भीड़ बढ़ गई।
काउंटरपॉइंट रिसर्च के रिसर्च डायरेक्टर तरुण पाठक ने आईएएनएस से कहा,
“सेल के पहले ही दिन हमने बेहद मज़बूत मांग देखी। उपभोक्ता भावनाएं सकारात्मक हैं। एक दिलचस्प रुझान यह दिखा कि इलेक्ट्रॉनिक्स खरीदारी केवल कुछ ही श्रेणियों में केंद्रित न होकर अलग-अलग उत्पादों में फैली हुई है। यह बताता है कि उपभोक्ता की रुचि व्यापक है। इस साल का त्योहारी सीज़न बेहद मजबूत रहने की उम्मीद है।”
विशेषज्ञों ने जीएसटी 2.0 को भारत की टैक्स यात्रा में एक ऐतिहासिक सुधार बताया। उनके अनुसार, यह ढांचा सरलता और पूर्वानुमान प्रदान करता है, जिससे मांग और व्यापार सुगमता दोनों को प्रोत्साहन मिलेगा।
सीएमआर (CMR) के वीपी-इंडस्ट्री रिसर्च ग्रुप, प्रभु राम ने कहा,
“कम करों से डिवाइस अधिक किफायती हो जाते हैं, जिससे अपग्रेड और रिप्लेसमेंट की प्रवृत्ति बढ़ती है। अतिरिक्त डिस्पोज़ेबल इनकम के साथ, उपभोक्ता नई खरीद को प्राथमिकता देंगे। इससे प्रीमियम और वैल्यू-फॉर-मनी दोनों तरह के स्मार्टफोन की बिक्री में उछाल आ सकता है।”
With inputs from IANS