जीएसटी सुधार से खपत वृद्धि को मिलेगी मजबूती: आरबीआई बुलेटिनBy Admin Thu, 25 September 2025 03:01 AM

नई दिल्ली- भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने अपनी सितम्बर बुलेटिन में कहा कि ऐतिहासिक जीएसटी सुधारों से कारोबार करने में आसानी, खुदरा कीमतों में कमी और खपत वृद्धि के कारकों को मजबूती मिलेगी। इन सुधारों का दीर्घकालिक सकारात्मक असर देखने को मिलेगा।

आरबीआई ने बताया कि जीएसटी काउंसिल की 3 सितम्बर की बैठक में लिए गए फैसलों ने जीएसटी ढांचे में बड़े संरचनात्मक सुधारों की शुरुआत की है। नए प्रावधानों से दरें और प्रक्रियाएं सरल हुई हैं।

बुलेटिन में कहा गया कि यह नया ढांचा आम आदमी की जरूरतों और प्रशासनिक सुगमता के बीच संतुलन बनाता है। अब अधिकांश आवश्यक वस्तुओं पर या तो शून्य या 5 प्रतिशत जीएसटी लागू होगा।

आरबीआई ने लिखा, “दर सरलीकरण से आगे बढ़ते हुए सुधारों ने उलटे कर ढांचे जैसी चुनौतियों को भी संबोधित किया है। पंजीकरण और रिटर्न फाइलिंग को आसान बनाया गया है, रिफंड तेजी से मिल रहे हैं और अनुपालन लागत घटाई गई है। इसका विशेष लाभ एमएसएमई और स्टार्टअप्स को होगा। कुल मिलाकर, ये सुधार टैक्स बुआयेंसी बढ़ाने, अनुपालन सुधारने और जीवन व कारोबार को आसान बनाने में मददगार होंगे।”

बुलेटिन में यह भी कहा गया कि जीएसटी दर कटौती से आने वाले त्योहारी सीजन में यात्री वाहनों का उत्पादन और बिक्री बढ़ने की संभावना है।

वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता बनी हुई है, खासकर अमेरिका द्वारा प्रमुख व्यापारिक साझेदारों पर टैरिफ लगाने और विकसित अर्थव्यवस्थाओं की राजकोषीय स्थिति को लेकर चिंताओं के चलते। इसके बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था ने लचीलापन दिखाया और 2025-26 की पहली तिमाही में पांच तिमाहियों की सबसे ऊंची वृद्धि दर्ज की, जो घरेलू मांग से संचालित थी।

आरबीआई ने बताया कि भारत की आर्थिक बुनियाद मजबूत बनी हुई है। खुदरा महंगाई (सीपीआई) लक्ष्य दर से नीचे सातवें महीने भी कायम रही। तरलता अधिशेष में रही जिससे नीतिगत दर कटौती का फायदा तेजी से पहुंचा। चालू खाते का घाटा भी अप्रैल-जून तिमाही में घटा, जिसका श्रेय सेवाओं के निर्यात और मजबूत रेमिटेंस को गया।

इक्विटी बाजारों में अगस्त-सितम्बर के दौरान दोतरफा उतार-चढ़ाव देखा गया।

 

With inputs from IANS