
मुंबई- नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने घोषणा की है कि वह निफ्टी 50 सहित चार प्रमुख इंडेक्स फ्यूचर्स और ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट्स की मार्केट लॉट साइज में संशोधन करने जा रहा है। नई लॉट साइज 28 अक्टूबर 2025 से प्रभावी होगी।
आधिकारिक बयान के अनुसार, निफ्टी 50 इंडेक्स की लॉट साइज 75 से घटाकर 65 कर दी गई है, जबकि निफ्टी बैंक की लॉट साइज 35 से घटाकर 30 कर दी गई है।
निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज इंडेक्स की लॉट साइज 65 से घटाकर 60 की गई है, और निफ्टी मिड सेलेक्ट इंडेक्स की लॉट साइज 140 से घटाकर 120 कर दी गई है। वहीं, निफ्टी नेक्स्ट 50 इंडेक्स की लॉट साइज में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
निवेशक मौजूदा लॉट साइज के साथ 30 दिसंबर 2025 की एक्सपायरी तक ट्रेडिंग जारी रख सकते हैं। इसके बाद सभी नई परिपक्वता अवधि वाले कॉन्ट्रैक्ट्स पर संशोधित (कम) लॉट साइज लागू होगी।
एनएसई ने कहा, “सदस्यों को सलाह दी जाती है कि वे अपने ग्राहकों को इस आगामी बदलाव के बारे में सूचित करें, विशेष रूप से वे ग्राहक जिनके पास तिमाही और अर्ध-वार्षिक कॉन्ट्रैक्ट्स में पोज़ीशन हैं या नई पोज़ीशन लेने की योजना बना रहे हैं।”
वर्तमान लॉट साइज के साथ निफ्टी के साप्ताहिक और मासिक कॉन्ट्रैक्ट्स 23 दिसंबर 2025 को समाप्त होंगे, जबकि निफ्टी और बैंक निफ्टी के मासिक कॉन्ट्रैक्ट्स 30 दिसंबर 2025 को एक्सपायर होंगे। इन तिथियों के बाद जारी होने वाले सभी नए कॉन्ट्रैक्ट्स संशोधित लॉट साइज के अनुरूप होंगे।
एनएसई समय-समय पर फ्यूचर्स और ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट्स की लॉट साइज में बदलाव करता है ताकि कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू को एक मानक दायरे में रखा जा सके, जिससे ये निवेशकों के लिए सुलभ और संतुलित बने रहें।
चूंकि डेरिवेटिव्स लीवरेज्ड इंस्ट्रूमेंट होते हैं, इसलिए ट्रेडर्स को कॉन्ट्रैक्ट की पूरी राशि अग्रिम में नहीं देनी होती, लेकिन लॉट साइज यह निर्धारित करती है कि उनका एक्सपोज़र और आवश्यक मार्जिन कितना होगा।
लॉट साइज में संशोधन बाजार की दक्षता और तरलता (liquidity) बढ़ाने के उद्देश्य से किया जाता है, ताकि अधिक निवेशकों को इन उत्पादों में भागीदारी के लिए आकर्षित किया जा सके।
With inputs from IANS