
नई दिल्ली – वीई कमर्शियल व्हीकल्स (VECV), जो कि वॉल्वो ग्रुप और आयशर मोटर्स का संयुक्त उपक्रम है, ने गुरुवार को भारत में एक नई अत्याधुनिक फैक्ट्री स्थापित करने के लिए 544 करोड़ रुपये (लगभग 576 मिलियन स्वीडिश क्रोना) के निवेश की घोषणा की है। यह संयंत्र वॉल्वो ग्रुप के उन्नत 12-स्पीड ऑटोमेटेड मैनुअल ट्रांसमिशन (AMT) सिस्टम के उत्पादन और असेंबली के लिए बनाया जाएगा।
यह ग्रीनफील्ड फैक्ट्री मध्य प्रदेश के विक्रम उद्योगपुरी इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप (उज्जैन) में स्थापित की जाएगी।
यह नई परियोजना वॉल्वो ग्रुप और आयशर मोटर्स की 18 साल पुरानी सफल साझेदारी में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और भारत को वैश्विक ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए एक प्रमुख विनिर्माण केंद्र के रूप में और मजबूत बनाती है।
सोफिया फ्रैंडबर्ग, चेयरपर्सन, वीई कमर्शियल व्हीकल्स और सीनियर लीडर, वॉल्वो ग्रुप ने कहा कि यह निवेश दोनों भागीदारों के बीच बढ़ते विश्वास और सहयोग का प्रतीक है।
उन्होंने कहा, “यह निवेश वॉल्वो ग्रुप के साथ एक और ‘विन-विन’ साझेदारी का उदाहरण है और पिछले 18 वर्षों में हमने जो मजबूत तकनीकी और औद्योगिक क्षमताएँ विकसित की हैं, उनका लाभ उठाता है।”
सिद्धार्थ लाल, चेयरमैन, आयशर मोटर्स ने कहा कि यह पहल संयुक्त उपक्रम की तकनीकी नींव को और मजबूत करती है।
उन्होंने कहा, “2008 में स्थापना के बाद से हमारी साझेदारी ने लगातार उन्नत परियोजनाएँ दी हैं। यह नया AMT प्रोजेक्ट विश्वास और क्षमता पर आधारित है और भारत तथा अन्य उभरते बाजारों में अग्रणी वाणिज्यिक वाहन निर्माता बनने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है।”
जेंस होल्टिंगर, एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट, ग्रुप ट्रक्स टेक्नोलॉजी और वॉल्वो ग्रुप के सीटीओ ने कहा कि नया AMT संयंत्र वॉल्वो ग्रुप की वैश्विक, कुशल और सहयोगी विनिर्माण प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
उन्होंने कहा, “वर्षों से VECV, वॉल्वो ग्रुप की सप्लाई चेन का एक अहम हिस्सा बन चुका है, और यह निवेश हमारी सफल साझेदारी के नए अध्याय की शुरुआत है।”
विनोद अग्रवाल, प्रबंध निदेशक और सीईओ, वीई कमर्शियल व्हीकल्स ने कहा कि AMT तकनीक भारतीय वाणिज्यिक वाहन उद्योग में परिवर्तनकारी प्रभाव लाएगी।
उन्होंने कहा, “जैसे-जैसे बाजार उच्च क्षमता वाले वाहनों की ओर बढ़ रहा है, आयशर ट्रक ग्राहक और ड्राइवर वॉल्वो ग्रुप की विश्व-स्तरीय AMT तकनीक से लाभान्वित होंगे, जिससे ईंधन दक्षता बढ़ेगी, ड्राइवर की थकान घटेगी और उत्पादकता में सुधार होगा।”
यह नया संयंत्र वॉल्वो ग्रुप के वैश्विक मानकों पर बनाया जाएगा और भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के अनुरूप होगा।
इस फैक्ट्री की प्रारंभिक क्षमता प्रति वर्ष 40,000 यूनिट तक उत्पादन करने की होगी, और उत्पादन व स्थानीय सोर्सिंग को वॉल्वो की गुणवत्ता मानकों के अनुसार धीरे-धीरे बढ़ाया जाएगा।
With inputs from IANS