
मुंबई। अमेरिकी डॉलर में कमजोरी और मजबूत वैश्विक संकेतों के चलते शुक्रवार को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोना-चांदी की कीमतों में तेजी देखी गई। स्पॉट मार्केट में स्थिर मांग ने भी बहुमूल्य धातुओं को मजबूती दी।
एमसीएक्स पर दिसंबर वायदा सोना 0.38 प्रतिशत की बढ़त के साथ ₹1,20,951 प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था, जबकि दिसंबर वायदा चांदी लगभग स्थिर रही।
अमेरिकी डॉलर इंडेक्स सत्र के दौरान 0.20 प्रतिशत से ज्यादा फिसला, जिससे अन्य मुद्राओं में लेन-देन करने वाले खरीदारों के लिए सोना सस्ता हो गया। चूंकि सोने की कीमत डॉलर में तय होती है, इसलिए अमेरिकी मुद्रा में कमजोरी से इसकी वैश्विक मांग बढ़ जाती है।
पिछले सत्र में सोने ने ₹1,23,677 प्रति 10 ग्राम का रिकॉर्ड स्तर छुआ था, जबकि चांदी ₹1,53,388 प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई थी।
विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक अनिश्चितताओं, खासकर अमेरिका की स्थिति को देखते हुए, सोने की कीमतों में मजबूती बनी हुई है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद ने निवेशकों का उत्साह और बढ़ा दिया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अक्टूबर में 25 बेसिस प्वाइंट की दर कटौती की 95 प्रतिशत संभावना जताई जा रही है, वहीं दिसंबर में एक और कटौती की 82 प्रतिशत संभावना है।
इस बीच, अमेरिकी सोना वायदा लगातार आठवें सप्ताह बढ़त की ओर है, जिसे फेड दर कटौती की उम्मीदों, जापान और फ्रांस की राजनीतिक अस्थिरता तथा अमेरिकी सरकारी शटडाउन ने समर्थन दिया है।
हालांकि, बाजार विशेषज्ञों ने बताया कि सोने ने हाल ही में $4,000/औंस का स्तर पार करने के बाद दो महीने की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की। मुनाफावसूली और डॉलर की मजबूती ने सेफ-हेवन डिमांड को प्रभावित किया। गाज़ा में हमास और इज़राइल के बीच युद्धविराम ने भी सुरक्षित निवेश की ओर धन के प्रवाह को कम किया।
इसी दौरान, तेल की कीमतें 1.6 प्रतिशत फिसलकर $65 प्रति बैरल के करीब आ गईं। इसका कारण मध्य पूर्व से आपूर्ति जोखिम में कमी और अमेरिकी ईआईए (EIA) डेटा के अनुसार उच्च भंडार स्तर बताया गया।
With inputs from IANS